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देहरादून/ नैनीताल। उच्च न्यायालय ने अदालत में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सख्त रूख अपनाते हुए सरकार से मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है। हरिद्वार जिले के लक्सर तहसील के मुजफ्फरपुर मौजां वन ग्राम में 650 बीघा भूमि पर अवैध खनन के मामले में सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
तहसील लक्सर स्थित बाण गंगा नदी के किनारे सटी इस भूमि लोगों को खेती करने के लिये पट्टे पर दी गई थी, लेकिन पट्टेदारों द्वारा उक्त भूमि पर पिछले 06-07 सालों से कृषि कार्य के बजाय अवैध खनन किया जा रहा है। मामले को लेकर सामजिक कार्यकर्ता धर्मवीर सैनी नैनीताल हाईकोर्ट चले गये । याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में इससे जुड़े फोटोग्राफ भी पेश किये गये।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सामाजिक कार्यकर्ता धर्मवीर सैनी की ओर से दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वन महकमे की ओर से हरिद्वार जिले के लक्सर तहसील के मुजफ्फरपुर मौजां गांव के 59 लोगों को 650 बीघा वन भूमि कृषि के लिये पट्टे पर आवंटित की गई थी। पट्टेधारक उक्त भूमि पर कृषि कार्य करने के बजाय अवैध खनन करने लगे।
अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार, हरिद्वार के जिलाधिकारी और प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।