राज्य सरकारों की उदासीनता के कारण उत्तराखण्ड़ आन्दोलन की रीड़ 80 प्रतिशत महिलाएं चिन्हीकरण से वंचित : जितेन्द्र चौहान

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एल मोहन लखेड़ा @देहरादून।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर वरिष्ठ आन्दोलनकारी एवं उत्तराखण्ड़ राज्य आन्दोलनकारी   जितेन्द्र चौहान ने कचहरी स्थित शहीद स्थल पर  रामपुर तिराहा काण्ड एवं खटीमा, मसूरी व करनपुर गोली काण्ड के शहीदों की शहादत को नमन करते हुए अपनी भावभीनि श्रृद्धाजंलि अर्पित की। इस मौैके पर उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके परिजनों को सरकार द्वारा अनुमन्य सेवाओं का लाभ नही मिलने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की गई,

 जितेन्द्र चौहान जित्ती ने सरकार से आग्रह किया कि आज राज्य को बने हुए 23 वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य आन्दोलनकारी अपनी मांगों के लिये  सडकों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं और अपने आप को ठगा सा महशूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा  सरकार ने आन्दोलनकारियों का चिन्हीकरण किया तो उसमें  बड़ा घालमेल सामने आया,  सरकार द्वारा दी गयी सहूलियतों में चिन्हीकरण आज भी अधूरा पडा हुआ है, चौहान ने कहा पृथक राज्य आंदोलन में मातृशक्ति की भागीदारी बढचडकर रही है ऐसे में  80 प्रतिशत महिलाएं जो कि उत्तराखण्ड आन्दोलन की रीड़ थी आज चिन्हीकरण से वंचित हैं। आखिर सरकार राज्य की मातृशक्ति की भावनाओं  से खिलवाड़ की कर रही है इसके पीछे सरकार  की मंशा क्या है ?

उन्होंने कहा कि जिन आन्दोलनकारियों की वजह से आज उत्तराखण्ड में सरकारें स्थापित हैं और जो आज विधायक और सांसद बने हैं बडे़ दुख के साथ कहना पड रहा है कि वही लोग  आज आन्दोलनकारियों और उनके आश्रितों को उनका वाजिब हक दिलाने में दिलचस्बी नही दिखा रहे हैं, जिसके चलते  आन्दोलनकारी  एवं उनके परिजनों  को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिये जुझना पड़ रहा है, उन्होंने सरकार से मांग करते हुये कहा जो चिन्हिकरण में मुख्यतः महिलाएं वंचित रह गयी हैं उनका चिन्हिकरण जल्द से जल्द किया जाए एवं भविष्य में आन्दोलनकारियों को पेंशन में भी झारखण्ड की तर्ज पर वृद्धि की जाए और सरकार आन्दोलनकारियों के लिए पेंशन पट्टा घोषित कर यह सुविधा दी जाए।

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