नरेन्द्रनगर शहर को वन भूमि में दर्शाए जाने के मामले में मंत्री उनियाल ने ली प्रमुुख वन संरक्षक व डीएम सहित बड़े अधिकारियों की बैठक

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  • जिला स्तर पर गठित समिति जल्द दे अपना निर्णय- सुबोध
  • वर्ष 1948 में भारत सरकार और तत्कालीन टिहरी रियासत के बीच हुये मर्जर एक्ट  का हो अनुपालन

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
महाराजा नरेंद्र शाह द्वारा बसाई गई ऐतिहासिक नगरी नरेंद्रनगर को वन भूमि में दर्शाए जाने पर प्रदेश के वन एवं तकनीकी शिक्षामंत्री सुबोध उनियाल ने कलेक्ट्रेट सभागार नई टिहरी में प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वन संरक्षक भागीरथी वृत्त धर्म सिंह मीणा, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर के साथ एक आवश्यक बैठक की।

बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्ष 1948 में भारत सरकार और तत्कालीन टिहरी रियासत के बीच हुये (मर्जर एक्ट) सहमति का अनुपालन किया जाय। उन्होंने कहा कि जो भी नियम वन विभाग के द्वारा लागू किये जाते हैं ,उन सब के ऊपर मर्जर एक्ट को प्राथमिकता दी जाय।

बैठक में मानीय मंत्री ने कहा कि जिला सतर पर गठित समिति अपना निर्णय जल्दी दें। कहा कि यदि मैटर शासन स्तर/राज्य स्तर का है तो उसे तत्काल अग्रसारित कर दें।

बता दें कि जटिल मामलों को सुलझाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा शासन स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है,जो वन निवारण विवादों को सुलझाने का कार्य करती है। बैठक में राजस्व विभाग के द्वारा नरेन्द्रनगर शहर के सम्बन्ध में मानचित्र प्रस्तुत कर वन मंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।

इस अवसर वन मंत्री उनियाल ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन डेस्टीनेशन क्षेत्रों को विकसित कर लोगों को रोजगार मुहैया कराया जायेगा।
बैठक में डीएफओ नरेन्द्रनगर वन प्रभाग अमित कंवर, अध्यक्ष नगर पालिका नरेन्द्रनगर राजेन्द्र विक्रम सिंह पंवार, ब्लाक प्रमुख राजेन्द्र भण्डारी, एसडीएम नरेन्द्रनगर देवेन्द्र सिंह नेगी, एसडीएम टिहरी संदीप कुमार,तहसीलदार नरेन्द्रनगर अयोध्या प्रसाद उनियाल एवं राजस्व विभाग तथा वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।

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