सड़क के अभाव में एक गर्भवती महिला को कुर्सी के सहारे अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में कराना पड़ा प्रसव, मृत हुआ नवजात

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  • ग्रामीणों ने  लोनिवि को ठहराया नवजात की मौत का जिम्मेदार
  • क्षेत्र में लोनिवि  के खिलाफ है जबरदस्त आक्रोश

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
पट्टी दोगी की तिमली ग्राम पंचायत के अंतर्गत, दुबल्याण गांव के रविंद्र भंडारी की पत्नी  लक्ष्मी देवी को जबरदस्त प्रसव पीड़ा हुंई तो परिजनों ने  तकरीबन 30 किलोमीटर ऋषिकेश अस्पताल का रूख किया । गांव क्षेत्र तक कहीं सड़क न होने के कारण प्रसूता को मुख्य सड़क गूलर तक कुर्सी के जरिए पहुंचाने का निर्णय लिया गया, मगर 10 किमी0  संकरे व उबड़खाबड़  मार्ग के  चलते  लक्ष्मी  की   पीड़ा  बढ़ने लगी  तो  मुख्य सड़क तक पहुंचने से पहले ही  परिजनों  को मजबूरन रास्ते में ही लक्ष्मी  का प्रसव कराना पड़ा , प्रसव तो हो गया मगर   बच्चा  मृत पैदा हुआ ।  इस अनहोनी से जहां रविंद्र अवाक था, वहीं प्रसव से पीड़ित लक्ष्मी देवी  अचेतन अवस्था में थी, इस घटना से साथ में चल रहे सभी लोग हताश और निराश थे।  सभी सिस्टम को कोश रहे थे, उनका कहना  था  िक यदि  गांव  से मुख्य मार्ग तक सड़क होती तो  उनके  घर में आज किलकारी गूंजती।

दुबल्याण गांव का 25 वर्षीय रविंद्र व 23 वर्षीय उसकी पत्नी लक्ष्मी देवी जो अपनी पहली संतान के होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उनके सपने  चकनाचूर हो गये।

गौरतलब है कि बरसों पहले गूलर के वशिष्ट गुफा से सालब-घेराधार के लिए निर्माणाधीन 23 किलोमीटर मोटर मार्ग की प्रारंभिक कटिंग मात्र 10 किमी० करने के बाद विभाग ने इस सड़क को तिमली ग्राम पंचायत के दुबल्याण गांव से 200 मीटर दूर जंगल में ही छोड़ा हुआ है।
प्रारंभिक कटिंग मानकों को ताक रखकर करने, सड़क पर लगाए गए काम चलाऊ पुश्तों के निरंतर बरसात के दिनों में क्षतिग्रस्त होते रहने, लोनिवि द्वारा सड़क की मरम्मत न कराये जाने की वजह से यह क्षेत्र आज भी यातायात की दृष्टि से कोसों दूर है।

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता चतर सिंह भंडारी और सोबनन सिंह भंडारी ने इस घटना के लिए लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर को जिम्मेदार ठहराया है। चतर सिंह व शोबन सिंह भंडारी बंधुओं का कहना है कि वर्ष -2001-02 की स्वीकृत उक्त सड़क का प्रारंभिक कटान स्वीकृत होते ही, शुरू हो चला था। मगर यह सड़क वशिष्ट गुफा से तिमली ग्राम पंचायत के आधा-अधूरे क्षेत्र दुबल्याण से 200 मीटर दूर बरसों से जंगल के बीच लावारिस छोड़ दी गयी है।

बताया कि जंगल में छोड़े हुए इस सड़क को चार वर्षो से अधिक का समय हो चुका है, तब से सड़क जस की तस है। चतर सिंह व सोबन सिंह ने 10 किलोमीटर तक काटी गई सड़क को मानकों के विपरीत बताया, उन्होंने कहा, ना कटिंग सही हुई, पुश्ते काम चलाऊ लगाए गए, जो बरसात में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जितनी तक सड़क काटी गई, उसकी आज तक मरम्मत नहीं की गयी। सड़क जगह-जगह पर दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है। क्षेत्र के लोगों ने इसके लिए लोनीवि नरेंद्रनगर को जिम्मेदार ठहराया है। लोगों ने लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्षेत्र की जबरदस्त उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।

सोवन सिंह भंडारी व चतर सिंह भंडारी ने इस दुर्घटना के लिए लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि यदि सड़क की सही मरम्मत हुई होती, तो क्षेत्र में इस तरह की दुर्घटनायें ना घटती। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि उक्त निर्माणाधीन आधी-अधूरी सड़क निर्माण के लिए, बहुत जल्द क्षेत्र के लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इसकी रूपरेखा जल्द तैयार की जा रही है।

 

 

 

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