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वरि०एडवोकेट, पूर्व ,पा० अध्यक्ष नेगी के निधन की खबर पर शोक में डूबा शहर, मंत्री सुबोध ने बताई व्यक्तिगत क्षति
वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
टिहरी जनपद के विकासखण्ड चंबा अंतर्गत सौंदकोटी गांव में जन्मे, नरेंद्रनगर में पले-बढ़े व दो बार नरेंद्रनगर पालिका के अध्यक्ष रहने के साथ कांग्रेस के शासनकाल में अनेकों उच्च पदों पर विराजमान रहे,71 वर्षीय वरिष्ठ एडवोकेट सोबन सिंह नेगी के आकस्मिक निधन की खबर सुनकर, ना सिर्फ़ नरेंद्रनगर शहर, बल्कि आसपास के दर्जनों गांवों में शोक की लहर व्याप्त है।
दिवंगत सोबन सिंह नेगी ने 19 मई रविवार को दोपहर नरेंद्रनगर स्थित अपने निवास पर जिंदगी की अंतिम सांस लेकर दुनियां को अलविदा कह दिया था।
उनका अंतिम दाह संस्कार सोमवार को ऋषिकेश पूर्णानंद घाट पर किया गया। अंतिम शवयात्रा में सैकड़ों की तादाद में उमड़ी भारी भीड़ ने नम आंखों से उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी।उनके दोनों पुत्र प्रकाश सिंह नेगी व एडवोकेट प्रमोद सिंह नेगी ने सजल नेत्रों से अपने दिवंगत पिता को मुखाग्नि दी।
स्व० नेगी अपने पीछे पत्नी विमला नेगी, दो पुत्र व पुत्री के नाती-पोतों सहित भरा- पूरा परिवार रोता-विलखता छोड़ गये हैं।
इस मौके पर स्वर्गीय नेगी के छोटे भाई सत्ये सिंह नेगी, राजेंद्र सिंह नेगी नरेंद्र सिंह नेगी तथा भांजे रणवीर सिंह, रमेश सिंह, अर्जुन सिंह, दिनेश सिंह और रविंद्र सिंह तथा समधी शौकीन सिंह रावत व बड़ी संख्या में पारिवारिक नाते रिश्तेदार मौजूद थे।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने राजनीतिक हमसफर स्व०नेगी की शवयात्रा में शामिल होते हुए कहा कि नेगी जैसे सौम्य,शालीन, व्यवहार कुशल व सहयोग की भावनाओं से उत्प्रोत व्यक्तित्व मैंने जीवन में बहुत कम देखे हैं। मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि नेगी जी के निधन का समाचार सुनकर मन अति व्यथित हुआ। कहा कि उनका मार्गदर्शन हमेशा मिला करता था, नरेंद्रनगर के हितों के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके परिजनों को मेरी गहरी संवेदनाएं, दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपनी श्री चरणों में स्थान दे और शोकाकुल परिवार को कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
शवयात्रा में मौजूद पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने स्वर्गीय नेगी को गरीबों का हमदर्द बताते हुए कहा कि वे कानूनी तौर पर गरीबों की बहुत सहायता किया करते थे। चंबा के सौंदकोटी में जन्मे व नरेंद्रनगर को अपनी कार्य स्थली चुनने वाले स्व०सोबन सिंह नेगी के पिता सूरत सिंह नेगी, नरेंद्रनगर में जनपद मुख्यालय के दौरान,डीएम कार्यालय में तब यहां जुडिशल असिस्टेंट हुआ करते थे। यहीं से स्वर्गीय नेगी ने इंटर की शिक्षा प्राप्त की थी।
उन्होंने उच्च शिक्षा डी०ए०वी० और डीवीएस कॉलेज देहरादून से प्राप्त की थी। मनोविज्ञान से एम ए करने के बाद, वर्ष 1977 में उन्होंने डी०ए०वी० देहरादून से लॉ करने के साथ ही, वर्ष 1978 से देहरादून में जाने-माने अधिवक्ता स्व० ईश मोहन सकलानी के संरक्षण में देहरादून में वकालत प्रारंभ कर दी थी।
मगर उन्हें नरेंद्रनगर ही रास आया, और उन्होंने अपने बचपन के शहर नरेंद्रनगर में वर्ष 1980 से वकालत शूरू की।
आयरन लेडी कहे जाने वाली स्व० इंदिरा गांधी से प्रेरित होकर वे 1969 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा से प्रभावित होकर वे लोक दल में शामिल हुए। मगर बहुगुणा की मृत्यु के बाद पुनः कांग्रेस का दामन थाम लिया।
वर्ष 1997 से 2002 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा वर्ष 2003 से 2008 तक उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य व राज्य स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कमेटी के सदस्य व राज्य योजना आयोग के सदस्य रहे। सरल व सौम्य स्वभाव के मृदु भाषी नेगी ऐतिहासिक शहर नरेंद्रनगर के सबसे लोकप्रिय व्यक्तियों में शुमार किए जाते रहे हैं, यही कारण था कि उनके विराट आभा मंडल को सभी सलाम किया करते थे।
दिवंगत एडवोकेट सोबन सिंह नेगी का करिश्माई व्यक्तित्व ही ऐसा था कि, वे शहर के जिस मार्ग से गुजरते थे, उन्हें मिलने वाला हर कोई गर्व महसूस किया करता था।आज भी शहर के लोग उन्हें अपने संरक्षक के रूप में माना करते थे।
गैरों के लिए भी अपनों जैसा लगने वाला सोबन सिंह नेगी दो बार वर्ष 1987 से 92 और 1992 से 97 तक नगर पालिका के अध्यक्ष रहे हैं।
शिक्षकसंघ के पूर्व पदाधिकारी रहे वाचस्पति रयाल ने बताया कि स्व० नेगी गरीब और असहाय लोगों के मुकदमें नि:शुल्क भी लड़ा करते थे।
नरेंद्रनगर शहर के विकास के लिए उनका योगदान अतुलनीय है।
दरअसल स्व० नेगी का लिवास कुछ-कुछ ऐसा था:-कंधे पर अदालती लेखा-जोखा वाला कागजों से भरा बैग, आंखों पर काले शीशे वाला धूप-छाया का गोल सेफ वाला चश्मा, अक्सर काली पैंट के साथ सफेद कमीज, क्लीन सेवा, सपाट तनाव मुक्त सा चेहरा, फुर्सत के क्षणों में दार्शनिक जैसी सोच वाली मुद्रा, हर नए क्लाइंट से पुरानी पर चित्र जैसा सरल स्वभाव के अंदाज में बात करने वाला वह मुकदमे की फीस अदा करने में असमर्थ गरीब व्यक्ति की न्यायालय में पैरवी करने वाले जैसी शख्सियत को-सोबन सिंह नेगी के नाम से जाना जाता था।
इसी वेशकीमती पूंजी, जिसकी तुलना रूपए-पैसों से नहीं की जा सकती, के बदौलत शहर वासी, स्व० नेगी जी के मुरीद हुआ करते थे। अपनी विशिष्ट पहचान के लिए स्वर्गीय सोबन सिंह नेगी, क्षेत्र में युगों- युगों तक याद किए जाते रहेंगे।
शवयात्रा में शामिल व शोक व्यक्त करने वालों में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत, पूर्व पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार, मुनि की रेती के पूर्व पालिका अध्यक्ष मनोज द्विवेदी, पूर्व पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राणा, पूर्व पालिका सभासद जयपाल सिंह नेगी, पूर्व पालिका उपाध्यक्ष राजेंद्र गुसाईं, भगवान सिंह राणा, दीपेंद्र सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह नेगी, मंत्री प्रसाद अंथवाल, अखिलेश नंदा, विनोद गंगोटी, प्रमुख राजेंद्र भंडारी, ढालवाला मुनी की रेती पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी,उपेंद्र थपलियाल, विक्रम सिंह कैंन्तुरा, द्वारिका प्रसाद जोशी, भगवान सिंह राणा, सुभाष राय, केशवानंद जोशी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।