पेयजल संकट: बूंद-बूंद पानी को तरसते ग्रामीण जा धमके तहसील कार्यालय

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तहसीलदार ने जेई को बुलाकर क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत तक टैंकर से पानी की व्यवस्था करने के  दिए निर्देश

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।

बढ़ती भीषण गर्मी के चलते पहाड़ों में पानी के स्रोत ना सिर्फ पतले पड़ते जा रहे हैं, बल्कि कुछ प्राकृतिक स्रोत या तो सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं या फिर सूख चुके हैं। ऐसे में ग्रामीणों के सामने पेयजल  की भारी किल्लत पैदा हो गई है।  विकासखंड नरेंद्रनगर की पट्टी धमान्दस्यूं के गांव कोथली,कुशरानी,क्वीई,भिड़ेत व बवाणी में  पीने के पानी की  बड़ी समस्या पैदा हो गयी है। उक्त सभी गांव ग्राम पंचायत कखूर, बवाणी व क्यार्की के अंतर्गत पड़ते हैं।

पानी की बूंद-बूंद के लिए पिछले 15 दिनों से तरस रहे गुस्साए ग्रामीणों ने नरेंद्रनगर तहसील की ओर रुख किया।
एसडीएम के किसी कार्य से बाहर रहने पर ग्रामीणों ने तहसीलदार नरेंद्रनगर अयोध्या प्रसाद उनियाल से वार्ता की, और उन्हें मांगों का ज्ञापन सोपा।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जल संस्थान उनकी शिकायतों का संज्ञान नहीं लेता, यही कारण है कि बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे ग्रामीणों को 7 से 10 किलोमीटर दूर छोटे वाहनों के जरिए, किराया देकर, पानी का ढुलान करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों की पीड़ा समझते हुए तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने अपने कार्यालय में जल संस्थान के अवर अभियंता विनोद चमोली को बुलाया, ग्रामीणों से उनकी वार्ता कराई, और कहा कि ग्रामीणों को तात्कालिक व्यवस्था करके पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने अवर अभियंता को निर्देश दिए कि इस भीषण गर्मी के मौसम में पेयजल तात्कालिक आवश्यकता है, लिहाजा ग्रामीणों की समस्या का समाधान पहली प्राथमिकता के आधार पर कर दिया जाए।

ग्रामीणों ने बताया कि उनके उपरोक्त गांवों में 10 किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्रोत से पेयजल पाइपलाइन का निर्माण वर्षों पूर्व किया जा चुका था,मगर उक्त पेयजल लाइन कई जगह क्षतिग्रस्त है, इस संबंध में विभाग को लिखित प्रस्ताव भी पूर्व में भेजे जा चुके हैं, मगर उन पर अमल नहीं किया गया है। जिसकी वजह से इतनी बड़ी पेयजल संकट गांवों में पैदा हो गई है।

तहसीलदार की अगुवाई में हुई इस बैठक में निर्णय लिया गया कि क्षतिग्रस्त पेयजल पाइपलाइन की तुरंत मरम्मत की जाए, तथा क्षेत्र में रोड की सुविधा होने के फल स्वरुप टैंकर से भी पेयजल आपूर्ति की जाए। ग्रामीण उक्त समझौते पर राजी हुए , मगर उनका कहना था कि यदि इस भीषण गर्मी में तुरंत पेयजल जैसी समस्या का समाधान तुरंत न किया गया तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

बैठक में तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल, जल संस्थान के अवर अभियंता विनोद चमोली व पटवारी पवन कुमार के अलावा ग्रामीणों में कमल सिंह, मोर सिंह, धर्मपाल, राकेश, जगमोहन, विक्रम, राय सिंह, राम दयाल,फ्यूंला देवी,सोनी देवी, प्यारा देवी, पूरन सिंह पुंडीर, सुनीता,भ्रुरंगा देवी, प्यारी देवी, मंगल सिंह, मलका देवी, रजनी देवी व पुन्नी देवी आदि थे।

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