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वाचस्पति रयाल @नरेंद्रनगर। आगामी 28 और 29 सितंबर को टिहरी जिले के नीर गांव के नीरगंगा रिजॉर्ट में आयोजित होने वाला सनबर्न कार्यक्रम साधु-संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते एसडीएम नरेंद्रनगर देवेंद्र सिंह नेगी द्वारा निरस्त कर दिया गया है।
बताते चलें कि 28 और 29 सितंबर को होने वाले इस कार्यक्रम के प्रदर्शन स्तर के बारे में लोगों को तब पता चला जब उन्हें सनबर्न कार्यक्रम की फ़ूहड़ किस्म की प्रसार-प्रचार की दम- दमाती व चमचमाती झलकियां इंटरनेट पर देखने को मिली।
दरअसल में इंटरनेट पर सनबर्न कार्यक्रम की प्रस्तुतियों से यह साफ हो गया था कि हिमालय जैसे पवित्र व देवभूमि के नाम से जाने, जाने वाला सुरम्य पर्वत श्रृंखलाओं वाला यह क्षेत्र, जहां से बहते हुए, विश्व प्रसिद्ध पवित्र गंगा मां के दर्शन कर देश के ही नहीं, विदेशी भी अपने को धन्य मानते हैं। लिहाजा ऐसे स्थान पर यह कार्यक्रम किसी भी रूप में किया जाना शोभा नहीं देता।
देवभूमि की योग नगरी व धर्म नगरी के रूप में जाने जाने वाले ऋषिकेश में जहां संतों का हर मौसम में गंगा के तीर जमावड़ा लगा रहता है। और गंगा को मोक्षदायिनी के रूप में गंगा का स्थान हिंदू धर्म में मां से भी बढ़कर माना जाता है।
ऐसे में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन, हिन्दू रीति रिवाजों के पवित्र स्थलों पर प्रदर्शित करने का विरोध लाजमी था। क्योंकि निश्चित ही ऐसे कार्यक्रम हिंदू संस्कृति और सभ्यता पर चोट पहुंचाते। और ऋषिकेश की छवि भी धूमिल होती।
लिहाजा उक्त मामले को लेकर ऋषिकेश से साधु संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधि मंडल नरेंद्र नगर एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी को मिला और उन्होंने 28 व 29 सितंबर को सनबर्न कार्यक्रम को निरस्त करने संबंधी ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
वार्ता के बाद एसडीएम नरेंद्रनगर ने सनबर्न कार्यक्रम को निरस्त कर दिया।
प्रतिनिधि मंडल में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास, पुरुषोत्तम कोठारी, सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर प्रसाद भारद्वाज,शुभम नौटियाल,राजेंद्र प्रसाद पांडे, उषा कोठारी विनोद कुलियाल, राजेश, नीतीश चंद्र खंडूरी, आचार्य पुरुषोत्तम व आनंद बहुगुणा आदि मौजूद थे।