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वाचस्पति रयाल@नरेंद्रनगर।
श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले की छठी सांस्कृतिक संध्या में लोकगायक रजनीकांत सेमवाल, मंजू नौटियाल, पूनम सती, श्वेता मेहरा और अमरदीप नेगी के गीतों की धूम रही। इस मिक्स्ड नाइट संध्या में गायकों ने शानदार प्रस्तुतियां देकर, दर्शकों को पंडाल में झूमने पर मजबूर किया।
मंजू नौटियाल के सुरतू मामा की प्रस्तुति पर युवा दर्शक सीटियां बजा कर अपनी-अपनी सीट पर ही नृत्य करते रहे। देर रात्रि तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहा।
नरेंद्रनगर में संचालित कुंजापुरी मेला अपने शबाब पर है। बॉलीवुड गायक, कॉमेडियन, उत्तराखंड के लोक गायकों की प्रस्तुति मेला संध्या में आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। मंगलवार रात को सांस्कृतिक संध्या में लोकगायक रजनीकांत सेमवाल ने गंगा अवतरण पर तेरा जलसा निराला ,मां चंडिका भवानी, दयारा झुमैली, हे रमिए, टिकुलिया मामा की मनोरंजक प्रस्तुतियां दी। युवा दर्शक उनके गीतों पर थिरकते रहे। इसके बाद मंच संभाला उभरती हुई गायिका मंजू नौटियाल ने। उन्होंने सुरतू मामा की हार्टबीट प्रस्तुति से मेले में समां बांध दिया।
इसके बाद हे ब्वै मेरा कमरा पीड़ा सहित कई अन्य गीत गाए। पूनम सती ने देवी कुंजापुरी मैया और जुगलबंदी में पोस्तु का झूमा मेरी भाग्यानी बौ, मेरी सुनीता रेश्मी बांद पर शानदार नृत्य किया। साथ ही अमरदीप नेगी, सैंडी गुसाईं, अंकित सेनवाल, रवि शाह, शैलेंद्र पटवाल, सचिन सजवाण ने भी साथी कलाकारों का भरपूर साथ दिया।
श्वेता माहरा ने शानदार नृत्य की प्रस्तुति लेकर दर्शकों को रोमांचित कर डाला। श्वेता से पहले के कलाकारों की प्रस्तुति पर दर्शक कुर्सियों पर बैठकर झूमते और सीटी बजाते रहे, मगर जैसे ही मंच पर श्वेता के दमकते नृत्य करते पांव पड़े वैसे ही दर्शन पंडाल के बाहर मैदान में नाचते, झूमते, थिरकते नजर आए।
श्वेता की शानदार नृत्य प्रस्तुतियों पर युवा दर्शक वंस मोर चिल्लाते सुने जाते रहे।श्वेता महारा दर्शकों पर अपनी नृत्य कला की शानदार छाप छोड़ने में खूब सफल रही।
मंच का संचालन दल प्रबंधक प्रशांत गगोडिया और गोविंद नेगी ने किया। इससे पहले मेला संयोजक व वन मंत्री सुबोध उनियाल, राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार, मेला सचिव व एसडीएम डीएस नेगी व सलाहकार विनोद गंगोटी ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट कर उनका स्वागत किया। कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा कि मेला देखने के लिए रिकार्ड संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। कुंजापुरी मेला अब प्रदेश में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का ब्रांड बन गया है।