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वाचस्पति रयाल @नरेंद्रनगर।
लोग कहते हैं कि आज के इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में सच्चाई और मानवता दम तोड़ती जा रही है। मगर इस सच्चाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता, कि कुछ तो लोग हैं, जो आज भी मानवता और सच्चाई को जिंदा रखे हुए हैं।
आज सच्चाई की एक ऐसी ही मिसाल पेश की है , नरेंद्र नगर के 24 वर्षीय युवा रविंद्र सिंह नेगी ने।
हुआ यों कि पत्रकार राजेंद्र सिंह गुसाईं, बीते बृहस्पतिवार की सायं अपनी दुकान पर थे।
युवाओं से गुसाईं का अच्छा खासा याराना है। उन्होंने बताया कि अपनी जैकेट की जेब से कोई चीज किसी को देते वक्त, गले में लटकी 35 ग्राम की सोने की चेन का लॉक खुलने से चेन सड़क पर गिर गई।
मगर इसका आभास उन्हें तब हुआ जब उन्होंने अपनी दुकान में ,सामने आए एक परिचित के हाथ की, कलाई पर सोने की चेन बंधी देखी, दूसरी की चेन देख उन्हें अपनी चेन याद आई,तो गले की चेन नदारत पायी।
गुसाईं की चेहरे की रोनक गायब हो गई।चेहरे की हवाइयां उड़ गयी।
सोने की चेन को ढूंढते-ढूंढते आंखें थक गई। रात बिस्तर पर गुसाईं करवटें बदलता रहा, मगर नींद काफूर हो चुकी थी।
दूसरे दिन घर से बाजार आये रविंद्र नेगी ने साथियों से बताया कि उन्हें कोई वेशकीमती चीज मिली है। साथ ही बगल पर राजेंद्र गुसाईं कुर्सी पर बैठे थे। उन्होंने बताया कि कल सायं उनकी सोने की चेन लॉक खुलने पर गले से गिर गई। यह सोने की चेन ढाई लाख के करीब थी।
रविंद्र नेगी ने चेन की शिनाख्त होने पर राजेंद्र गुसाईं को सोने की चेन सौंप दी।
चेन हाथों में लेते ही गुसाईं के मायूस चेहरे पर रौनक लौट आई।
राजेंद्र गुसाईं सहित नगर वासियों ने रविंद्र नेगी को सच्चाई की मिसाल बताते हुए कहा कि ,वे औरों के लिए , प्रेरणा हैं। नगर में सभी ने इस युवा की जमकर तारीफ की है।
बताते चलें कि रविंद्र नेगी पूर्व सभासद व पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा नगर के प्रसिद्ध व्यापारी जयपाल सिंह नेगी के सुपुत्र हैं।
रविंद्र नेगी ने साबित कर दिया कि आज भी इंसानियत और सच्चाई कहीं ना कहीं धरती पर जिंदा है।