संस्कारवान शिक्षा का राष्ट्र प्रगति में अहं महत्व : कर्नल कबसूड़ी

 5,127 total views

  • प्रदेश में प्रतिभाओं को सही दिशा देने और तरासते की है- गजेन्द्र

 

वाचस्पति रयाल @नरेंद्रनगर। आज के इस वैज्ञानिक और प्रगतिशील युग में शिक्षा का बच्चों के भविष्य निर्माण व राष्ट्र की प्रगति में बहुत बड़ा महत्व है।

ये विचार लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) बलवीर सिंह कबसूड़ी ने पट्टी दोगी के इंटरमीडिएट कॉलेज घेराधार में पर्वतीय विकास एवं लोककल्याण संस्था बडीर (दोगी) के सौजन्य से आयोजित मेघावी छात्र-छात्रा पुरस्कार प्रतियोगिता समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त करते हुए कहे।

सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल बालवीर सिंह कबसूडी ने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि आज के इस युग में भी ईमानदारी से काम करने वालों की समाज के बीच में खास पहचान हुआ करती है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक ताना-बाना को बनाए रखने के लिए, बच्चों को शिक्षालयों में संस्कारवान शिक्षा का दिया जाना बहुत जरूरी है। कर्तव्य परायणता से ही बच्चे व देश का उज्जवल भविष्य संभव है।

श्री कबसूड़ी ने पर्वतीय विकास एवं लोक कल्याण संस्था के सचिव गजेंद्र सिंह राणा द्वारा पिछले कई वर्षों से कक्षा 6 से 12 तक के मेघावी छात्र-छात्राओं को संस्था की ओर से पुरस्कार देने की योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है।

श्री कबसूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड की सीमाएं,दूसरे देशों से लगी हैं, लिहाजा इस प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र के हाई स्कूल व इंटर कॉलेजों में एनसीसी अनिवार्य की जानी चाहिए। उन्होंने कॉलेज की प्रबंधन समिति की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वे कॉलेज में एनसीसी स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दें, इस पर आगे तत्काल कार्रवाई के लिए बात की जाएगी।

इस मौके पर उन्होंने मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया।

इस कार्यक्रम की पहल करने वाले व पर्वतीय विकास एवं लोक कल्याण संस्था के सचिव गजेंद्र सिंह राणा ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल बलवीर सिंह कबसूड़ी का संस्था की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्र के विद्यालयों में 6 से 12 कक्षा तक के छात्र-छात्राओं में प्रतिस्पर्धात्मक प्रतियोगिताएं करवाते आ रहे हैं। जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते आ रहे हैं। उनमें प्रतिस्पर्धात्मक भावना विकसित होने के साथ,आगे बढ़ने का जुनून पैदा होता है।

भारत मां की सरहदों पर, एक सिपाही के तौर पर वर्षों तक तैनात रहे पूर्व सैनिक गजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि प्रदेश के, इन विद्यालयों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, आवश्यकता उन्हें सही दिशा देने और तरासते की है।

इस मौके पर मेधावी छात्र छात्राओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।

कार्यक्रम में उप प्रधानाचार्य राजेश कुमार, स्कूल प्रबंधन की तरफ से अनिल कुकरेती, ग्राम सभा कखूर के प्रधान विजय कुमार सहित विद्यालय स्टाफ व अन्य छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *