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गोरखपुर, यूं तो मुख्यमंत्री का पशु प्रेम जगजाहिर है लेकिन रविवार को एक बार फिर उनके जीवन का यह पक्ष चर्चा में आ गया। इसकी वजह गोरखनाथ मंदिर में नया आया श्वान का बच्चा ‘गुल्लू’ रहा। गोरखपुर प्रवास के दौरान रविवार की सुबह मुख्यमंत्री परंपरा पूजा-अर्चना और जनता दर्शन के बाद परिसर भ्रमण के क्रम में जैसे ही संत भवन की ओर बढ़े, एक काला लेब्राडोर प्रजाति का श्वान का बच्चा हुआ घूमता दिखा। फिर तो मुख्यमंंत्री का पशु प्रेम जाग गया। वह उसके पास गए और बाकायदा बैठकर दुलराने लगे। दुलराने के क्रम में उन्होंने उसे बिस्कुट भी खिलाया। ‘गुल्लू’ को दुलराने की तस्वीर जब इंटरनेट मीडिया तक पहुंची तो खूब वायरल हुई।
कालू भी है योगी का चहेता
पशु प्रेम के चलते ही मुख्यमंत्री जब भी गोरखपुर आते हैं, सुबह की पूजा-अर्चना के बाद वह गोशाला जाकर गायों के बीच कुछ समय जरूर गुजारते हैं। इसी क्रम में अपने पालतू श्वान कालू के साथ खेलना भी नहीं भूलते। कालू को दिल्ली में मुख्यमंत्री को एक भक्त ने उपहार में दिया था। शुरू में कुछ समय तक वह दिल्ली में रहा, फिर 2016 में उसे गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में स्थायी रूप से जगह दे दी गई। उसके गोरखपुर आने के तीन महीने बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री का दायित्व मिल गया।
गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय के इर्दगिर्द भ्रमण करते वह आज भी देखा जा सकता है। इससे पहले योगी के पास राजा बाबू नाम का एक श्वान भी हुआ करता था, जिसके मर जाने पर उन्हें काफी कष्ट हुआ था।
गुल्लू के आने से दो हो गई श्वान की संख्या
‘गुल्लू’ के मंदिर में आ जाने के बाद अब परिसर में श्वान प्रजाति के पशुओं की संख्या दो हो गई है। मंदिर के मीडिया प्रभारी विनय कुमार गौतम ने बताया कि ‘गुल्लू’ को दो दिन पहले मंदिर में देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत मिथिलेश दास लेकर आए हैं। अभी वह डेढ़ माह का है।