मंत्री सुबोध उनियाल के मांग पत्र की सभी मांगे होंगी पूर्ण: मुख्यमंत्री

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संस्कृति,सभ्यता व विकास का ध्वजवाहक है यह मेला: सुबोध

 

वाचस्पति रयाल @ नरेंद्रनगर।

प्रदेश के सबसे बड़े मेलों में शुमार किए जाने वाले सुप्रसिद्ध सिद्ध पीठ श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले का 48 वां आयोजन विभिन्न विद्यालयों की प्रस्तुत झांकियों के साथ शुभारंभ हो गया है।

प्रदेश के सबसे बड़े मेले के रूप में स्थापित सिद्ध पीठ श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के उद्घाटन मौके पर विभिन्न झांकियों का प्रदर्शन मेले के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा।

झांकी प्रदर्शनी कार्यक्रम के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उपस्थित जन समूह को दूरभाष के माध्यम से संबोधित किया गया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने हेलीकॉप्टर में किसी तकनीकी खराबी के कारण से मेले में उपस्थित न होने,पर दुख व्यक्त करते हुए भरोसा दिलाया कि वे शीघ्र ही शहर में आकर लोगों के बीच बैठकर क्षेत्र की समस्याओं को सुनेंगे।

अपने संबोधन में सीएम धामी ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के वन तकनीकी शिक्षा एवं भाषा मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा दिए गए 11 सूत्रीय मांग पत्र पर सैद्धांतिक स्वीकृति देने के साथ सभी मांगें हल की जाएंगी।

जिनमें प्रमुख रूप से 5 करोड़ की लागत से रानी पोखरी-नरेंद्रनगर मोटर मार्ग से ग्राम तलाईं को जोड़ते हुए निर्माण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लासडा झील का जीर्णोद्धार करने सहित नरेंद्र नगर विधानसभा के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के भवन निर्माण मरम्मत उपकरण आदि उपलब्ध कराने की मांगे शामिल हैं, ये सभी मांगें हल की जाएंगी।

इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व मेले के मुख्य संरक्षक सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि शीघ्र ही नरेंद्रनगर में लॉ कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज इसी सत्र से अस्तित्व में आ जाएगा।

उन्होंने इस मेले के भव्य आकर्षक को देखते हुए इसबार मेले की लागत सवा करोड़ तक जाने की उम्मीद जताई।

श्री उनियाल ने कहा कि इस मेले से राज्य एवं देश को नरेंद्र सिंह नेगी जैसा गढ़ रत्न तथा प्रीतम भरतवाण जैसा पदम श्री कलाकार मिला है।

उन्होंने कहा कि यह मेला क्षेत्र के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

श्री उनियाल ने कहा की मेले हमारी संस्कृति,सभ्यता पौराणिक रीति रिवाजों की धरोहर हैं। इन्हें संजोये रखना हमारा धर्म व फर्ज है।

उन्होंने कहा कि श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेला हमारी संस्कृति ,सभ्यता व विकास का ध्वजवाहक है।

इससे पूर्व भारत तिब्बत सीमा पुलिस के बैंड की अगुवाई में शिक्षण संस्थाओं द्वारा धार्मिक भावनाओं से ओत-प्रोत, पर्यावरण संरक्षण, विज्ञान में देश के प्रगति, वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने , नारी सुरक्षा सहित शानदार झांकियों के प्रदर्शन ने मेले की रौनक बढ़ा दी।

इस मौके पर अल्मोड़ा का छोलिया नृत्य व कुकी समुदाय की संस्कृति पर आधारित नृत्य सहित एक से एक बढ़कर झांकियों ने मेले में आए दशकों में रोमांच पैदा कर दिया।

कार्यक्रम के शुभारंभ में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा मुख्य अतिथि सहित विशिष्ट अतिथियों का भी बैच अलंकरण कर स्वागत किया गया और स्वागत गान प्रस्तुत किया गया।

मुख्य अतिथि सुबोध उनियाल ने मेले का ध्वजारोहण कर , विधिवत मेला उद्घाटन की घोषणा की।

इसके पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा विकास प्रदर्शनियों का अवलोकन करते हुए देश की आजादी में अपना सर्वोच्च बलिदान कर देने वाले शहीदों, महापुरुषों की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम में पूर्व पालिका अध्यक्ष व मेला समिति के संयोजक राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार,ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र भंडारी,मुख्य विकास अधिकारी डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल,अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा,प्रभागीय वनाधिकारी जीवन मोहन दगड़े ,प्रभारी वन अधिकारी टिहरी पुनीत तोमर, उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी टिहरी ओसियन जोशी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जेआर जोशी, अधिशासी अधिकारी बीना नेगी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

झांकी प्रदर्शनी के निर्णायकों में मदनलाल चमोली,पीके ध्यानी, ऋतुराज सिंह नेगी शामिल रहे।

कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन महेश गुसाईं का साथ रमेश असवाल ने दिया।

झांकियों के कंपटीशन से हटकर कृषि विभाग द्वारा अपने प्रदर्शनी के माध्यम से मोटे अनाज का उपयोग करने पर जोर दिया गया।

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