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- कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर पैदा करना
वाचस्पति रयाल @ नरेन्द्रनगर। पट्टी क्वीली के पोखरी स्थित राजकीय महाविद्यालय में कैरियर काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेल के संयुक्त तत्वावधान में कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर पैदा करना विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवप्रयाग के प्राध्यापक डॉ० मोहम्मद आदिल थे। मुख्य अतिथि डा०आदिल व महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ० शशि बाला वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
गोष्ठी के आयोजक सचिव डॉ० राम भरोसे ने कौशल विकास के सम्बन्ध में सविस्तार समझाया। छात्राओं द्वारा मुख्य अतिथि के आगमन पर स्वागत गान गाया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डा०मोहम्मद आदिल ने अपने सम्बोधन में राष्ट्रपिता महात्मागांधी, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और संविधान निर्माता डॉ० बी०आर० अंबेडकर के विचारों को सारगर्वित शब्दों में बताते हुए कहा कि देश दुनियां में इनका कोई शानी आज तक नहीं है। कहा कि इनकी जीवनी से प्रेरणा लेनी चाहिए।
उन्होंने बच्चों को 7C’s (Certificate, Confidence, Communication Skill, Courage, Creativity, Compassion , Contributions)
के विषय में सविस्तार समझाया और कहा कि स्टार्टअप इंडिया व स्किल इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में कीवी कृषि, बकरी पालन, मशरूम कृषि को अपना कर स्वरोजगार अपना सकते हैं। कहा नौकरी करने वाला नहीं, नौकरी देने वाला विचार बनाकर काम करना चाहिए।
अपने सम्बोधन में डॉ० सरिता देवी ने बच्चों को मोटीवेट करते हुए कहा कि अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगे बढ़ते रहिये, निश्चित ही सफलता हासिल होती है। कार्यक्रम के दूसरे चरण में पुरातन छात्र-छात्राओं में प्रीति, आकाश और दीपक ने अपने पुराने अनुभव मंच से साझा किये, वहीं सिमरन, सुमन और बिजेंद्र ने भी सभी के सम्मुख अपने विचार रखे।
इस दौरान राजकीय चिकित्सालय फकोट से आये तीन सदस्य चिकित्सकों के दल ने छात्र-छात्राओं की आभा आईडी बनाई और उनका ई-रक्तकोष में पंजीकरण भी किया।
गोष्ठी में प्राचार्य डा० शशि बाला वर्मा एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ० राम भरोसे द्वारा समस्त पुरातन छात्र-छात्राओं को गीता व स्मृति चिह्न भेंट किये गये। साथ ही कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व विशिष्ट वक्ता को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ० शशि बाला वर्मा ने भी अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से बच्चों को प्रोत्साहित किया और उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति से किये गये काम की शुरुआत सफलता की मंजिल तक पहुंचती है, उन्होंने अतिथियों का भी आभार व्यक्त किया।
प्राध्यापकों में डॉ० सुमिता, डॉ० बंदना, डॉ० मुकेश, डॉ० विवेकानंद आदि ने भी कार्यक्रम में अपने-अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में रचना राणा, रेखा नेगी,अंकित कुमार, कु० अमिता, महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी नरेन्द्र बिजल्वाण, दीवान सिंह, मूर्ति लाल,पूजा असवाल, निकिता, काजल,रीतिका, मनीषा,साक्षी, वंदना, मीनाक्षी, नीना, निधि, मंजु आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे।