होली मिलन कार्यक्रम में बिखेरे कवितारूपी रंग

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मुजाहिद अली @ सितारगंज। पुरानी मण्डी व चन्दी गार्डन के द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह का भव्य आयोजन भारत माता व स्वामी विवेकानंद जी के चित्र सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। बहजोई से आये कवि सौरभ कान्त शर्मा ने  “हों राष्ट्रवाद के सब नायक,माँ का भगवा परिधान रहे,और चहुँ दिशाओं में गुंजित यह,वन्देमातरम गान रहे।दिल्ली से श्रंगार रस की कवयित्री मोनी देहलवी ने ” फुर्सत हो सितारों की बारात में आ जाओ,तुम्हें चांद देखना है तो रात में आ जाओ।। “”प्रेम की जो मदिरा चख लेंगे,ध्यान की मांग हटने लगेगी।। एक बार रुप मेरा देख लिया तुमने तो, ख्बाव में भी चेहरा मेरा नजर आयेगा।। मोहब्बत अगर पाप है तो हमसे पाप हो गया,और ये जो कुछ भी है अपने आप हो गया।। फरीदाबाद से आये वीर रस के कवि योगेन्द्र सुंदरियाल ने पुराने इश्क और आज के इश्क पर दर्शकों को खूब हंसाया सुंदरियाल ने कहा कि”” तुम पेप्सी कोला वाले हो हर माल फ्री में चटा गये,और वो कुएं पे पानी भरती थी हम पानी पीकर पटा गये।। कि माना इंटरनेट पे तुम घण्टों तक चेटिंग कर लेते थे,हम घास की गठरी उठवाते तो वहीं पर सैटिंग कर लेते थे।।
मनोज मनमौजी ने कविता के माध्यम से कहा कि “”नई एक ग़ज़ल गुनगुनानी पड़ेगी सुनाई नहीं तो सुनानी पड़ेगी,और मोहब्बत की दरिया में हलचल है कैसी ये कश्ती भंवर में डुबानी पड़ेगी।और दिखेगा झुर्रियों में गालों का ये यौवन जब हाथों में चिठ्ठी पुरानी पड़ेगी।।
कार्यक्रम में यादराम जिन्दल,पिंकी कंसल, महेश मित्तल,नरेश कंसल,विजय सलूजा, हरी ओम गोयल,कपिल सिंघल,पवन गोयल, नवतेज पाल सिंह,कृष्ण कुमार गर्ग,सतनाम सिंह सत्ती,,सरबजीत सिंह,कान्ता सागर,राजेन्द्र खुराना, त्रिलोक अरोरा,मदन अरोरा, गौरीशंकर गोयल, रामनरेश गोयल,संजय मित्तल, प्रमोद मित्तल,हरकुमार गर्ग, वीरेन्द्र गर्ग,पवन अग्रवाल,अनिल गर्ग,बजरंग मित्तल, कुलभुषण सलूजा,सुन्दर मदान,राजेश अरोरा,विनोद मुंजाल, मुकेश गोयल, तारकेश्वर राय,शिवम मित्तल, अविनाश त्रिवेदी,हरीश सुखीजा, हेमंत मिगलानी,विधा अग्रवाल,मोनिका सिंघल,ममता गर्ग, निहारिका शर्मा,रेनू चंचल,रेनू मित्तल, नवनीत कौर,मानसी गर्ग,आदि

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