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वाचस्पति रयाल@नरेंद्रनगर। ऋषिकेश बैराज के पास स्थित वनंतरा रिजार्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी के कातिलों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर आगरा खाल क्षेत्र के लोगों ने मुख्य बाजार में जुलूस/प्रदर्शन निकालने के बाद शोक सभा आयोजित की।
आगरा खाल बाजार के मुख्य मार्गो से जुलूस निकालते हुए लोग हाथों में तख्तियां लिए हुए थे।
जिन पर लिखा हुआ था अंकिता हम शर्मिंदा हैं,तेरे कातिल जिंदा हैं, आज दो अभी दो हत्यारों को फांसी दो। जैसे नारे लगा रहे थे।
न्यू मार्केट आगरा खाल से होकर जुलूस आगरा खाल मुख्य मार्केट पहुंचा। जहां पर यह जुलूस आम सभा में तब्दील हो गया।
सभा में वक्ताओं ने अंकिता भंडारी के कातिलों को फांसी की सजा की मांग करते हुए कहा कि यह घटना देवभूमि को शर्मसार कर देने वाली है। ऐसे कुकृत्य करने वालों को फांसी से कम सजा नहीं दी जानी चाहिए।
वक्ताओं का कहना था कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बेटियों को आगे बढ़ाओ, महिलाओं को हर क्षेत्र में काम करने के लिए पुरुषों के बराबर समानता दिए जाने जैसे अनेकों कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
कहा कि ये कार्यक्रम तभी सफल हो पाएंगे जब देश, प्रदेश और क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी हो। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार सख्त से सख्त कदम उठाए।
वक्ताओं का यह भी कहना था कि यदि दरिंदों को फांसी से कम सजा मिलती है, तो अंकिता की आत्मा और उसके परिवार जनों सहित समाज को न्याय नहीं मिल पायेगा। साथ ही इस तरह की हरकत करने वाले असामाजिक तत्वों के हौसले और बुलंद होंगे।
सभा के अंत में उत्तराखंड की बेटी अंकिता की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना की गई कि ईश्वर उसकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे व परिजनों को कष्ट झेलने की क्षमता प्रदान करे।
इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख वीरेंद्र कंडारी,शांति प्रसाद भट्ट, जिला व्यापार उद्योग मंडल टिहरी के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कंडारी, आगराखाल व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष डॉ धर्मानंद रतूड़ी, साकेत कंडारी, विकास रावत व बुद्धि सिंह रावत आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
ऐसी जघन्य घटनाओं के जन्म लेने/पनपने के सभी कारणों का विश्लेषण कर उन्हें समाप्त कर देना ही प्राथमिकता होनी नितांत आवश्यक है। तभी इंसान सुरक्षित रह पायेगा। निश्चित सीमा से अधिक अनुचित तरीके से अर्जित धन, भूमि, पद, रसूख आदि कारण भी इंसान को हैवानियत की ओर अग्रसर करते हैं जिनपर शिकंजा कसा जाना मानवता के लिए अत्यावश्यक है।