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3 मकान 5 शौचालय 2 पुल व दर्जनों खेत सहित फसल चढ़ी आपदा की भेंट
सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारी स्थिति का मुआयना करने पहुंचे मौके पर
वाचस्पति रयाल@ नरेंद्रनगर। बृहस्पतिवार रात्रि को हुई भारी भीषण वर्षा ने तिमली ग्राम पंचायत के दुबलियाण गांव पर ऐसा कहर बरपाया कि प्रेम सिंह रावत का 2 कमरों का मकान तथा 2 शौचालय,धूम सिंह भंडारी व कुँवर सिंह के 3-2 शौचालय व पिल्लर टूटने से मकान की छत टूट कर धराशाई हो गयी।
इसी के साथ खणेटी व दुबल्याण गांव के दर्जनों खेत आपदा की भेंट चढ़ गए, आपदा के इस रेलमपेल में भगवान सिंह का घोड़ा भी बह गया।
घनघोर घटाओं के बीच बादलों की गरजनाओं साथ आकाश से कहर बनकर बरसी भीषण बारिश की बौछारों से इकट्ठा हुए पानी के वेग ने खणेटी गांव के ऊपर से ऐसी रफ्तार पकड़ी कि पानी के साथ बहते मिट्टी और पत्थरों की खण-खणाती आवाज से खणेटी व दुबल्याण का गधेरा ऊफान पर जा पहुँचा।
घटना ग्रामीणों ने रात 11:00 से 12:30 के बीच की बताई है।
पानी के साथ बेहते मिट्टी- पत्थरों की गड़गडाहट-खण-खणाहट की भारी आवाजें सुन चौंके ग्रामीण आनन-फानन में रात के अंधेरे में घर से बाहर निकल पड़े।
विगत 4 दिनों से विद्युत आपूर्ति ठप रहने के कारण, रात के अंधेरे में ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
किसी तरह भीमल के छिलके जलाकर ग्रामीणों ने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के साथ स्वयं भी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचे।
सबसे ज्यादा परेशानी उन ग्रामीणों को झेलनी पड़ी, जिनके मकान गधेरे के नजदीक हैं।
भारी बारिश के बीच आई आपदा से सहमें ग्रामीणों ने किसी तरह भीमल के खपच्चियाँ (छिलके)जलाकर रात काटी।
तड़के उठकर देखा तो गांव का भूगोल व नक्शा भी बदल चुका था। कहीं मकान घ्वस्त दिखाई दे रहे थे, तो कहीं खेत-खलिहान एक वीरान रगड़ में तब्दील हो चुके थे।
भगवान सिंह का घोड़ा मलवे के बीच फंसा मिला।जिसे ग्रामीणों ने बमुश्किल बाहर निकाला।
रात को हुई घटना के संबंध में ग्रामीणों ने नरेंद्रनगर स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया।
सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन तथा लोक निर्माण विभाग, विकासखंड व अन्य विभागों के अधिकारी स्थिति का जायजा लेने मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने इस बात पर हैरानी जताई कि उनके मकान,शौचालय व खेत गधेरे से काफी दूरी पर होने के बावजूद पानी के तेज बहाव में दर्जनों खेत मलवे की भेंट चढ़ गये।खेत- खलिहान 2 पुल ,पैदल मार्ग सभी कुछ आपदा की भेंट चढ़ गए।
ग्राम खणेटी व दुबल्याण के जिन लोगों के खेत आपदा की भेंट चढ़ गये हैं, उनमें गोपाल सिंह, होशियार सिंह,सूरत सिंह, भगवान सिंह, दयाल सिंह,सत्ये सिंह, मातबर सिंह, गैणा सिंह, कुंवर सिंह, नारायण सिंह, चतर सिंह भंडारी, सोबन सिंह,प्रेम सिंह, जगबीर सिंह आदि शामिल हैं।
पैदल मार्गों और पुलों के टूटने से कई गांव की आवाजाही के लिए बड़ा संकट पैदा हो गया है। स्कूली बच्चों की परेशानियां तो और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। खंडहर में तब्दील पैदल मार्गों का कहीं अता पता ही नहीं है।
प्रकृति की इस भीषण मार से ग्रामीण असहाय नजर आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रकृति की दी हुई मार से हुए गहरे उनके जख्मों पर सरकार अवश्य सरकार अवश्य मरहम लगाने का काम करेगी।