241 total views
विकासनगर। महिलाओं का उत्थान सभ्य मानव समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी सामाजिक बदलाव के मकसद से पिछले एक दशक से भी अधिक समय से इस क्षेत्र में पूरी शिद्दत से जुटी हैं डॉ राजकुमारी चौहान।
वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमारी चौहान ने ‘उत्तराखंड महिला भूमिका का इतिहास’ पर पुस्तक लिखी है। पुस्तक में पहाड़ की महिलाओं के जीवन संघर्ष एवं परिवार और समाज के प्रति उनके योगदान का वर्णन किया गया है। विशेषकर सामाजिक, राजनीतिक सन्दर्भ में लिखी गई यह पुस्तक अपने तरह की इकलौती पुस्तक है। अपने समय और सन्दर्भ की एक जरूरी यह पुस्तक उत्तराखंड में महिलाओं पर केन्द्रित की गई है।
पुस्तक की लेखिका डॉ राजकुमारी चौहान ने कहा कि यह पुस्तक विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक आंदोलनों में उत्तराखंड की महिलाओं की भूमिका को सामने लाने का काम करती है। डॉ चौहान की इस पुस्तक में छह प्रमुख अध्याय हैं । जिनमें उत्तराखंड आंदोलन व अन्य सामाजिक आंदोलनों में महिलाओं की भूमिका के साथ ही साथ उत्तराखण्ड से महिलाओं की अपेक्षाओं का भी विश्लेषण किया गया है।
तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित डॉ राजकुमारी चौहान महिलाओं के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। महिला जागरूकता महिला हिंसा, बालिका शिक्षा, महिला अधिकारो, के साथ ही आकाशवाणी, दूरदर्शन, लोकसभा चैनल आदि के माध्यम से चर्चाएं, वार्ताएं प्रसारित कर महिला मुद्दों पर निरंतर गोष्ठियां, सेमिनार एवं जागरुकता रैलियो के माध्यम से महिलाओं के उत्थान में कार्य कर रही है। कोरोना काल के दौरान भी डॉ चौहान निरंतर छात्र हित में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करती रही। डॉ राजकुमारी चौहान की अब तक जौनसार बावर पर आधारित दो पुस्तके भी प्रकाशित हो चुकी हैं।