ज्ञान सिंह नेगी की प्रथम पुण्यतिथि पर बेरनी में विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

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हिंदू सभ्यता,संस्कृति व पार्टी की रीति-नीति के ध्वज वाहक थे ज्ञान सिंह नेगी-जोशी

संस्कारवान शिल्पी व आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे ज्ञान सिंह नेगी-सुबोध

वाचस्पति रयाल
नरेंद्रनगर।भारतीय जनता पार्टी में आदर्श व्यक्तित्व के रूप में एक खास पहचान बनाने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी स्व०ज्ञान सिंह नेगी की प्रथम पुण्यतिथि पर उनके गांव बेरनी में ग्राम पंचायत बेरनी के सौजन्य से भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखी राम जोशी ने की जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के कृषि मंत्री व क्षेत्रीय विधायक सुबोध उनियाल रहे। इस मौके पर कार्यक्रम के अध्यक्ष लाखीराम जोशी,मुख्य अतिथि सुबोध उनियाल व स्व०नेगी के छोटे भाई राम सिंह नेगी, स्व० नेगी के दोनों पुत्र राजेंद्र सिंह नेगी और दीपक सिंह नेगी सहित सैकड़ों लोगों ने स्वर्गीय ज्ञान सिंह नेगी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया। बीते वक्त के दौर में भारतीय जनता पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले व भाजपा को अपने संघर्षों के दम पर संजीवनी देने वाले ज्ञान सिंह नेगी के गांव बेरनी के ही निवासी व पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखी राम जोशी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्व०नेगी को हिंदू संस्कृति,सभ्यता का ध्वज वाहक बताते हुए एक आदर्श शिक्षक और बेहद अनुशासन प्रिय व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि देश की संस्कृति व सभ्यता को बनाए रखने के लिए जीवन खपाने वाले स्व० नेगी जैसे तपस्वी को इमरजेंसी के दौरान 18 महीनों तक कांग्रेस ने जेल की सलाखों के पीछे बंद रखा।कहा उच्च आदर्शों की ऐसी प्रतिमूर्ति को सदैव पार्टी के अंदर प्रेरणा के रूप में याद किया जाता रहेगा। जोशी ने कहा हमने समय से पहले ही माटी का ऐसा लाल खो दिया जिसने आर एस एस, शिशु व विद्या मंदिर जैसे शिक्षण संस्थाओं के विस्तार में अभूतपूर्व योगदान देने के साथ टिहरी जनपद के हर कस्बे तक शिक्षण संस्थाओं को स्थापित करने का भगीरथ प्रयत्न किया
जोशी ने सुझाव दिया कि स्वर्गीय नेगी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर एक पुस्तक लिपिबद्ध की जाय,ताकि आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए वह पुस्तक काम आ सके।


* कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व प्रदेश  के कृषि- उद्यान मंत्री व क्षेत्रीय विधायक सुबोध उनियाल ने ज्ञान सिंह नेगी को शालीनता, शांति,सर्वधर्म-समभाव की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि स्वर्गीय नेगी की विकास की सोच दूर दृष्टि से परिपक्व हुआ करती थी। वे हर बेहतरी के लिए पार्टी लेवल पर एक मिसाल के रूप में थे। उन्होंने कहा कि आज की विकृत हो रही राजनीति को स्वस्थ्य परिपाटी देने के लिए स्वर्गीय नेगी को एक मिसाल व प्रेरणा के तौर पर याद किया जाता रहेगा। कृषि विज्ञान के क्षेत्र में सरकार द्वारा कृषकों को दी जा रही मदद के बारे में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सविस्तार कृषकों को जानकारी दी तथा कहा कृषि कानून काश्तकारों के हितों में है,लेकिन राजनीति की जमीन तलाश रहे लोग इसका विरोध कर रहे हैं।कहा कि इनके झांसे में काश्तकारों को कतई नहीं आना चाहिए। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक और कृषि मंत्री ने जूनियर हाई स्कूल बेरनी में फर्नीचर के लिए विधायक निधि से 60 हजार देने की घोषणा की तथा स्वर्गीय ज्ञान सिंह नेगी के नाम से निर्मित रोड पर ढाई किलो मीटर डामरीकरण करवाने व 2 किलोमीटर विस्तारीकरण कर शिवपुरी लिंक रोड पर मिलाने का आदेश लोक निर्माण विभाग को दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की लिखित मांगों के ज्ञापन पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर क्षेत्रीय लोगों ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को शॉल ओढ़ाकर और स्वागत पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व विकासखंड के प्रमुख राजेंद्र सिंह भंडारी ने अपने सारगर्भित संबोधन में जहां स्व० नेगी को पार्टी का बेहद अनुशासित सिपाही के साथ शिक्षा व राजनीति के क्षेत्र में प्रेरणाप्रद आदर्श पुरुष बताया, वहीं लाखी राम जोशी को संघर्षों का पर्याय व जमीन से जुड़ा व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि भगवान घंटाकर्ण की चरण स्थली में स्थित बेरनी गांव में जन्मे स्वर्गीय नेगी तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखी राम जोशी को वे सलाम करते हैं और ऐसी विभूतियों को जन्म देने वाली गांव की इस माटी को नमन करता हूँ।


उक्राँद के केन्द्रीय महामंत्री किशन रावत हुए भाजपा में शामिल कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय महासचिव किशन सिंह रावत भाजपा में शामिल हो गए हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री और क्षेत्रीय विधायक सुबोध उनियाल ने किशन सिंह रावत के भाजपा में शामिल होने पर फूल मालाओं के साथ उनका स्वागत किया। रावत के साथ केंद्रीय प्रचार मंत्री राजवीर सिंह रावत,लक्ष्मी प्रसाद अंथवाल तथा कुलदीप रावत ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। कृषि मंत्री को सौंपा मांगों का ज्ञापन इस मौके पर क्षेत्र के लोगों ने प्रदेश के कृषि/ उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन की प्रमुख मांगों में छोटी बेरनी से अमसारी गांव तक ढाई किलो मीटर सड़क पर डामरीकरण करवाने,अमसारी से हाडीसेरा तक मोटर मार्ग का विस्तारीकरण करने, छोटी बेरनी से अमसारी तक मोटर मार्ग का नाम स्व०ज्ञान सिंह नेगी के नाम पर रखे जाने,राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल का नाम स्व०ज्ञान सिंह नेगी के नाम पर रखे जाने,अद्वाणी-बेरनी रोड पर स्वर्गीय ज्ञान सिंह नेगी स्मृति द्वार बनाए जाने,बेरनी में जिला सहकारी बैंक खोले जाने,भरदार स्थित मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण करवाए जाने,अद्वाणी जूनियर हाई स्कूल तक लिंक रोड का निर्माण करवाने सहित कई मांगे शामिल थीं।
इस मौके पर स्वर्गीय ज्ञान सिंह नेगी के छोटे भाई राम सिंह नेगी, भाजपा में शामिल हुए किशन सिंह रावत,कृषक उत्थान समिति बेरनी के अध्यक्ष मंगत सिंह नेगी, सचिव विजेंद्र सिंह रावत, सिद्धार्थ राणा, शूरवीर सिंह भंडारी,सरिता रौतेला,पूर्व प्रधान कुंवर सिंह रावत,बेरनी की प्रधान आदि ने सभा को संबोधित किया। इस मौके पर तहसीलदार गजा रेनू सैनी, अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान, एसएचओ थाना नरेंद्र नगर प्रदीप पंत,दीपा मलकोटी, राजेंद्र सिंह रावत,उद्यान विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे।

संघर्ष,शालीनता और उच्च आदर्शों की प्रतिमूर्ति थे ज्ञान सिंह नेगी ज्ञान सिंह नेगी विकास खंड व विधानसभा नरेंद्रनगर की पट्टी कुँजणी के बेरनी गांव के निवासी थे।
उनका जन्म साधारण कृषक परिवार में हुआ था। पिता का नाम रतन सिंह नेगी था। ज्ञान सिंह नेगी ने गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की थी। वे सरस्वती शिशु मंदिर टिहरी,जोशीमठ में आचार्य तथा प्रधानाचार्य रहे। इसके अलावा विद्या भारती उत्तराखंड में प्रदेश निरीक्षक रहे।
वर्ष 1975 में भारत में लगे आपातकाल के दौरान उन्हें 1975 में बंदी बनाया गया और लगभग 18 महीनों के बाद जून 1977 में जेल से रिहा किया गया।वे पार्टी में प्रदेश महामंत्री के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
जब-जब भी प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सत्तासीन रही, उन्हें कई बार राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया।
वे वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में आए थे और पिछले वर्ष 27 सितंबर 2020 को जौलीग्रांट अस्पताल में उन्होंने आखरी सांस लेकर सभी को अलविदा कह दिया था ।
ज्ञान सिंह नेगी उच्च कोटि की शालीनता, मधुर वाणी, प्रेरणा प्रद,उच्च आदर्शों के लिए पहचाने जाने वाले अनुशासन प्रिय शख्सियत थे। उनकी मृत्यु के 2 महीने बाद उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया था।
राजेंद्र और दीपक उनके दो पुत्र हैं।

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