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मुजाहिद अली
सितारगंज। इतिहास विभाग ,राजकीय महाविद्यालय में 05 अक्टूबर 2021 को महाविद्यालय के प्राचार्य और संरक्षक डॉ सुभाष वर्मा के नेतृत्व में इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनिता नेगी द्वारा सभागार में एक दिवसीय आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली से इतिहासकार, मानव विज्ञानशास्त्री एवम साहित्यकार डॉ राकेश प्राणेश उपस्थित रहे। श्री राकेश यायावर व्यक्तित्व के धनी विशेषज्ञ हैं जिन्होंने भारत की विभिन्न खानाबदोश जनजातियों पर गहन अध्ययन किया है। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के तराई क्षेत्र का बहुत उज्ज्वल इतिहास है, जिसपर अध्ययन किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में भी वह सितारगंज तथा नानकमत्ता के क्षेत्र में थारू जनजाति पर सर्वेक्षण के उद्देश्य से आये
हैं। वह पहले भी एक यात्रा कर चुके हैं तथा पुनः उसपर कार्य प्रारंभ करने जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ मजूमदार ने भी तराई में रहने वाली थारू जनजाति पर शोध किया है। इतिहासकार, मानव विज्ञानशास्त्री एवम साहित्यकार डॉ प्राणेश ने उधम सिंह नगर के तराई क्षेत्र के इतिहास की विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने यह भी बताया कि हुएनसांग भी काशीपुर से होते हुए सितारगंज के तराई क्षेत्र से गुजरे थे। उन्होंने बताया कि उनका खानाबदोशों के साथ अधिकतर समय बीता है और इन समुदायों को इतिहास की मुख्यधारा में जोड़ने की विशेष आवश्यकता है ।
साथ ही उन्होंने कहा उन्होंने कहा कि ज्ञान सिर्फ विषय केंद्रित नहीं होता अपितु उसे अंतर विषयक होना चाहिए। इसीलिए एक शोधार्थी को सभी विषयों का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। अंत में प्राचार्य महोदय द्वारा इतिहासकार तथा मानवविज्ञान शास्त्री श्री राकेश का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया गया। प्राचार्य महोदय द्वारा भी पूर्व में थारू जनजाति पर शोध कार्य किया गया है ,उन्होंने उस विषय पर भी अपने विचार रखे । इतिहास विभाग के सौजन्य से विभाग की एचओडी डॉ अनीता नेगी तथा प्राचार्य डॉ सुभाष वर्मा द्वारा अतिथि महोदय को स्मृति चिन्ह एवं सम्मानपत्र भेंट किया गया तथा उनका आगमन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर राजविंदर कौर ,डॉक्टर सत्य मित्र सिंह, डॉक्टर कमला उपाध्याय, डॉक्टर सविता रानी, डॉ चारू चंद्र उप्रेती, डॉ भुवनेश कुमार, डॉ वंदना बंसल, डॉ नीति चौहान आदि उपस्थित रहे।