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पौड़ी। जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र पौड़ी द्वारा कोटद्वार में स्थित ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्थापित रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर के कार्यालय में दिव्यांग जनों हेतु स्वरोजगार एवं दिव्यांग जनों के अधिकारों से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें दिव्यांग जनों द्वारा काफी उत्साह व्यक्त करते हुए जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र को अपना धन्यवाद देते हुए कहा की कोटद्वार में दिव्यांग जनों के रोजगार एवं अधिकारों से संबंधित किसी प्रकार की कार्यशाला अथवा गोष्टी का आयोजन उनके संपूर्ण जीवन में प्रथम बार आयोजित की गई है।
जिससे दिव्यांग जनों में काफी उत्साह एवं अपने जीवन में कुछ करने की चाह उत्पन्न हुई है। आज से पूर्व दिव्यांग जनों को मात्र किसी संस्था द्वारा कंबल बांटने अथवा किसी प्रकार के अनुदान का चेक ग्रहण करने हेतू ही याद किया जाता था किंतु जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी श्री धर्मेंद्र पवार द्वारा दिव्यांग जनों के स्वरोजगार प्रशिक्षण एवं उनके अधिकारों के संबंध में जानकारी प्रदान कर दिव्यांग जनों में एक अलग प्रकार का उत्साह उत्पन्न किया है जिसके लिए समस्त दिव्यांग जन उनके आभारी हैं। इस अवसर पर जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी धर्मेंद्र पवार द्वारा दिव्यांग जनों से कृत्रिम अंग अथवा उपकरण हेतु आवेदन किए जाने हेतु भी अनुरोध किया एवं कोटद्वार में दिव्यांग जनों हेतु एक स्वायत्त सहकारिता गठन किए जाने एवं उस सहकारिता के माध्यम से समस्त दिव्यांग जनों को जोड़कर व्यवसायिक गतिविधि किए जाने हेतु कार्यवाही की गई। सहकारिता का नाम करुणा दिव्यांग स्वायत्त सहकारिता रखा गया एवं इस सहकारिता के अध्यक्ष श्रीमती करुणा देवी एवं को
षाध्यक्ष श्री शशि लखेड़ा जी को बनाया गया। इस सहकारिता का निर्माण दिव्यांग जनों हेतु स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ दिव्यांग जनों के अधिकारों को उन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना है। इस अवसर पर रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर कोटद्वार द्वारा अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किए जाने की बात कही साथ ही शकुंतलम फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट के संस्थापक शिव नारायण रावत ने भी अपना योगदान कला और फिल्म निर्माण में अपने संस्थान में निशुल्क और प्राथमिकता के आश्वासन के साथ दिव्यांग जनों को उत्साहित किया। इस कार्यशाला में करुणा देवी हेमलता नेगी सुनीता देवी उदय राम विनोद कुमार रीतांशी धस्माना यशोदा कविता भंडारी आदि दिव्यांग जनों द्वारा प्रतिभा किया गया।