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- छात्र छात्राओं को आपदा राहत, प्राथमिक उपचार, संचार और आपदा न्यूनीकरण के माड्यूल पर प्रशिक्षण दे रही संस्था
अल्मोड़ा के कसारदेवी विद्या पीठ में आपदा प्रतिक्रिया पर 50 बच्चो को किया प्रशिक्षित - उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग और चमोली जनपदों के बाद अब कुमाऊं मंडल में दे रही प्रशिक्षण
क्रांति मीडिया@अल्मोड़ा।
स्कूल क्राइसिस ओरिएंटेशन डिजास्टर एजुकेशन के तहत
सेवा इंटरनेशनल ने कसारदेवी विद्या पीठ में आपदा प्रतिक्रिया पर 50 बच्चो को प्रशिक्षित किया गया।
आपदा प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास पर वैश्विक स्तर पर पिछले दो दशकों से कार्य कर रही सेवा इंटरनेशनल ने कसारदेवी विद्यापीठ कसारदेवी में छात्र छात्राओं को आपदा राहत, प्राथमिक उपचार, संचार और आपदा न्यूनीकरण के माड्यूल पर प्रशिक्षण प्रदान किया। उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग और चमोली जनपदों के बाद कुमाऊं मंडल में सर्वप्रथम अल्मोडा जनपद में विद्यार्थियों को संस्था की तरफ से यह निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
मास्टर ट्रेनर लोकेंद्र बलोदी ने, आपदा प्रबंधन की अवधारणा प्राथमिक उपचार, सी पी आर, आपदा प्रतिक्रिया और स्कूल सुरक्षा पर मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम समन्वयक मनवर सिंह रावत ने प्राकृतिक एवम मानवीय आपदाओं से बचाव की जानकारी दी और उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मनोवैज्ञानिक परामर्श दाता प्रियंका बहुगुणा ने प्रतिभागियों को सायकोसोशियल फर्स्ट एड पर जानकारी प्रदान करते हुए किशोर विद्यार्थियों एवम समुदाय को प्रभावित करने वाले मनोसामाजिक मुद्दों को समझाया और आपदा के दौरान मनोसामाजिक प्राथमिक उपचार की आवश्यकता पर व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को आपदा न्यूनीकरण, स्ट्रेचर बनाना, आपदा हेल्प लाइन का उपयोग, आपदा प्रबंधन से संबंधित विभागीय संरचना और पर्वतीय क्षेत्रों में प्रायः संभावित आपदाओं से बचने के कौशल, सड़क सुरक्षा, अग्नि शमन के सामान्य नियम आदि सिखाए गए।
विद्यालय के प्रधानाचार्य चंदन सिंह बिष्ट ने सेवा इंटरनेशनल की टीम का विद्यालय परिवार की तरफ से स्वागत किया और विद्यार्थियों को इस प्रकार का अवसर प्रदान करने हेतु आभार प्रकट किया।
सेवा इंटरनेशनल के जिला समन्वय मनवर सिंह रावत ने बताया कि मिशन स्कॉड के अंर्तगत प्रारंभ में जनपद के 25 विद्यालयों में उन्मुखीकरण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना है जिससे भविष्य में संभावित आपदाओं से निपटने की समझ विकसित हो सके।