सूर्पनखा लीला से रोमांचित, तो सीता हरण दृश्य देख भावुक हो उठे दर्शक

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वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।

नगर के स्व० सोबन सिंह नेगी सामुदायिक विकास भवन में विगत 17 से आगामी 27 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली प्रभु श्री रामचंद्र जी की 66 वीं लीला इन दिनों अपने शबाब पर है।

लीला की बेहतरीन साजोसज्जा व कलाकारों को मेहनत के साथ सजा-धजा कर तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाली टीम की मेहनत यहां,प्रभु राम की लीला के मंचन में उस वक्त दृष्टिगोचर हो रही है, जब रात्रि को लीला के मंचन में, कलाकार अपनी बेहतरीन कला प्रदर्शन से दर्शकों की वाह-वाही लूटते नजर आ रहे हैं।

लीला के छटे दिवस पर सूर्पनखा लीला, खर-दूषण वध,रावण दरबार, रावण- मारीच संवाद, सीता हरण, राम-लक्ष्मण मिलाप और राम विलाप के प्रमुख दृश्यों के मंचन को देख दर्शक बेहद प्रभावित हुए।

शूर्पणखा के पात्र ने अपनी कला के प्रदर्शन से जहां दर्शकों में कौतूहल पैदा कर दिया, वहीं सीता हरण के भाव पूर्ण दृश्य को देख, दर्शक व्याकुल व मायूस से नजर आए।

लंका पति रावण को बहन सर्पणखा की नाक कटने और खर- दूषण जैसे बलवान भाइयों की मौत पर अफसोस होता है।

रावण कहता है कि मेरे समान बलवान खर-दूषण मेरे भाइयों को सामान्य पुरुष नहीं मार सकते, रावण को ज्ञान हो जाता है कि भगवान ने पृथ्वी पर जन्म ले लिया है।

रावण इतना ज्ञानी है कि वह तत्काल विचार कर इस निर्णय पर पहुंचता है, कि अब मैं अपनी कुल के उद्धार के लिए भगवान से बैर लूंगा, क्योंकि भगवान के हाथों सीधा बैकुंठ धाम प्राप्त होता है।

प्रभु राम से बैर बढ़ाने के लिए रावण, मामा मारीच की मदद लेता है, मारीच मृग का वेष धारण करता है, माता सीता प्रभु राम से मृग को पकड़ने को कहती है। प्रभु राम और लक्ष्मण दोनों भाई मृग को पकड़ने चल देते हैं।

इसी दौरान अवसर पाकर रावण साधु के वेश में पहुंचकर माता सीता का हरण कर लेता है।

माता सीता की विलाप का दृश्य देख दर्शकों की आंखें नम हो जाती हैं।

रावण की भूमिका में धूम सिंह नेगी की लरजती-गरजती दमदार आवाज के दर्शक मुरीद हो गए। सीता के रोल में कुमारी मानसी भंडारी के अभिनय ने सभी का मन जीत लिया।

राम और लक्ष्मण की भूमिका में बालिकाओं का रोल सभी को प्रभावित कर गया। मारीच की भूमिका में शैलेंद्र नौटियाल के प्रदर्शन की खूब सराहना हुई।

नगर के अलावा आसपास की गांव से भी बहुत बड़ी संख्या में राम भक्त लीला देखने आ रहे हैं, लीला देखने वालों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या काफी अधिक है,

लीला का श्रवण करने के लिए भारी भीड़ को देखते हुए जहां कलाकारों में खासा उत्साह नजर आ रहा है, वहीं राम लीला समिति के पदाधिकारी भी खासे उत्साहित हैं।

हारमोनियम पर राकेश बहुगुणा, तो तबला पर पवन ड्यूंडी की बेहतरीन संगत व कलाकारों को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले राजू भारती, विनोद गंगोटी, हितेश जोशी तथा लक्ष्मी के कार्यों की सभी प्रशंसा कर रहे हैं।

मंच संचालन का काम शिक्षक महेश गुसाईं निरंतर संभाले हुए हैं, तो रमेश असवाल, दिनेश कर्णवाल, द्वारिका जोशी व धूम सिंह नेगी मंच डायरेक्शन का जिम्मा संभाले हुए हैं।

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