उप्रेती बहनों व जागर सम्राट प्रीतम के नाम रही श्री कुंजापुरी मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या

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  • उप्रेती बहनों के गीतों पर पंडाल के बाहर झूम उठे दर्शक
  • दर्शकों की भारी भीड़ के सामने छोटा पड़ गया पालिका का रामलीला मैदान

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।

48 वें सुप्रसिद्ध सिद्ध पीठ श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या उत्तराखंड की लोक संस्कृति की ध्वजवाहक उप्रेती बहनों और जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण के नाम रही।

उप्रेती बहनों ने कार्यक्रम में ऐसा समा बांधा कि खचाखच पंडाल से भरा श्रोताओं के भारी भीड़ के सामने पालिका का रामलीला मैदान छोटा पड़ गया।

उप्रेती बहनों द्वारा ठेठ कुमाऊनी और गढ़वाली पौराणिक लोक संस्कृति से ओत-प्रोत लोकगीतों के भावनाओं में पूरा पंडाल डूबा सा नजर आया।दोनों बहनों की दिलकश प्रस्तुतियों पर दर्शक देर रात तक पंडाल में जमे रहे।

वहीं प्रीतम ने भी चिर परिचित अंदाज में गीत और जागरों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया। बृहस्पतिवार रात को नरेंद्रनगर के पालिका ग्राउंड में पहली सांस्कृतिक संध्या का वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दीप जलाकर उद्घाटन किया।

श्री उनियाल ने कहा कि कुंजापुरी मेला प्रत्येक वर्ष नए आयाम छू रहा है। जिसके लिए नगर के लोगों सहित पूरे क्षेत्र की जनता का मेले के प्रति आस्था, विश्वास, लगन व निष्ठा की भावना जागृत होती दिखाई देती है आध्यात्म,धर्म व संस्कृति से जुड़े इस मेले में अभूतपूर्व सहयोग के लिए श्री उनियाल ने जनता का आभार जताया।

इसके बाद लोकगायिका ज्योति उप्रेती और नीरजा उप्रेती ने जैसे ही मंच थामा, पूरा पंडाल भीड़ से भर गया।

उनको सुनने के लिए रामलीला ग्राउंड भी छोटा पड़ गया। उप्रेती बहनों ने स्वर्ग तारा, या जुन्याली रात, जय बद्री-जय केदार, गढ़-कुमाऊं की प्यारी भूमि, वो भेना कसको जानो द्वारहाट, हाय-हाय रे मिजाजा जैसे गीतों की शानदार प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया, कई गीतों की प्रस्तुतियों के भीड़ से दर्शक वन्स मोर का आग्रह भी करते दिखे, मेले में यह दूसरा मौका है ,जब निरंतर दूसरे साल उप्रेती बहनों ने दर्शकों की खूब वाह-वाही लूटी।

प्रस्तुतियों के लिए वक्त कम मिलने के बावजूद,दर्शकों द्वारा की गयी फरमाइशें भी दोनों बहनों ने गीतों की प्रस्तुतियों से भरसक पूरा करने का प्रयास किया।

मंत्री उनियाल, मेला संयोजक राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार, मेला सचिव व एसडीएम डीएस नेगी ने उप्रेती बहनों और उनकी टीम को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

ठीक रात साढ़े 10 बजे प्रीतम भरतवाण की नाइट शुरू हुई। उन्होंने सीमा पंगरियाल के साथ ढोल सागर और जागरों की प्रस्तुति से समा बांध दिया। प्रीतम ने शुभ संध्या देवी माहेश्वर जागर, शिवजी कैलाश रैंदा, घणी कुरेणी, बिंदुली, नर्सिंग जागर, मोहना तेरी मुरली बजी, तिबारी मां बैठी होली, सुंदरा छोरी और मोरी रक्ख्या खोली पर दर्शकों को नाचने पर मजबूर किया। इसके अलावा दिलीप अंगवाल, अर्जुन, राकेश कपरवाण, विक्की कोहली ने भी गीत गाए।

कार्यक्रम में नील शाह, श्वेता जोशी, आशीष गुसाईं, पूलम सिंह, बरफ सिंह, देविका, रेनू पंवार ने नृत्य किया।

इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र भंडारी, महेश गुसाईं, डॉ० विक्रम बर्त्वाल, साकेत बिजल्वाण आदि मेले की अंतिम प्रस्तुति तक पंडाल में जमे रहे।

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