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पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत पहुंचे गांव तो पीएमजीएसवाई पर फूटा उनका गुस्सा
कहा ठेकेदार और विभाग पर हो वसूली का मुकदमा दर्ज
वाचस्पति रयाल
नरेंद्रनगर। इस वर्ष की बारिश से नरेन्द्रनगर विधानसभा की पट्टी दोगी क्षेत्र में जगह- जगह तबाही का मंजर सामने आने से पीड़ित ही नहीं बल्कि हर कोई हैरान और परेशान है।
पट्टी दोगी का गंगलसी गांव आपदा की ऐसी भेंट चढा कि जिसका आपदा से खत्म हुआ सिस्टम बर्षों-बर्षों तक पुनः पटरी पर लौटाना सरकार के लिए नामुमकिन तो नहीं, मगर आसान भी कतई नहीं कहा जा सकता।
गांव के काश्तकारों के खेत-खलियान,आंगन-चौक,मकान,पैदल मार्ग,पेयजल व विद्युत लाइनें,गधेरों के पुल सहित लह-लहाते खेत, सभी कुछ बारिश से आयी आपदा की भेंट चढ़ गये।
गांव में आपदा आने की खबर सुनते ही पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत गांव पहुंचे।
उन्होंने गांव के ग्रामीणों से गांव में आई तबाही का कारण जाना तो वे पीएमजीएसवाई विभाग पर बरस पड़े।
दरअसल में गांव के ऊपर से काटी जा रही रोड का मलवा ठेकेदार ने अपनी सहूलियत के अनुसार जहां तहां डाल दिया।
जिससे भारी बारिश के चलते पानी के साथ बहे मलबे के सैलाब ने गांव की तश्बीर तबाही के मंजर में तब्दील करके रख दी।
गांव में आयी इस भीषण आपदा के लिए ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई और ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया।
पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने क्षतिग्रस्त क्षेत्र का मुआयना कर पाया कि इस आपदा के लिए पीएमजीएसवाई और ठेकेदार जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा-चूंकि विभाग व ठेकेदार की मिली-भगत व लापरवाही से आयी यह आपदा प्राकृतिक नहीं मानवजनित है।
पूर्व विधायक ओम गोपाल का कहना है कि गांव में आई आपदा के लिए पीएमजीएसवाई और ठेकेदार पर रिस्पांसिबिलिटी फिक्स कर विभाग और ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी के सिपाही होने के नाते वे शासन और सरकार से पीड़ित ग्रामीणों को सहायता पहुंचाने तथा आपदा से क्षतिग्रस्त तमाम चीजों को पटरी पर लाने के लिए ग्रामीणों का पक्ष सरकार और शासन के समक्ष रखेंगे।
मौके से उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क करना चाहा,लेकिन क्षेत्र में नेटवर्क ना होने से बात नहीं हो पाई।
आपदा से इन्हें पहुंची क्षति
ये सभी गंगलसी गांव के राणा परिवार के मातबर सिंह,गोपाल सिंह,कृष्ण सिंह, आनंद सिंह,विजय सिंह,धूम सिंह,उपेंद्र सिंह,दयाल सिंह, भोपाल सिंह,तेजपाल सिंह, लेखपाल सिंह,महिपाल सिंह, उमराव सिंह,शूरवीर सिंह, राकेश सिंह,शेखर सिंह,ए०एस० सिंह,हुकम सिंह आदि शामिल हैं।
ढुंग काटल तोंक में बसे ये परिवार हैं खतरे की जद में
चरख्यासैण-खैरखाल-बैठखाल-गंगलसी- कौडियाला के लिए काटी जा रही रोड का मलबा विभाग और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण डंपिंग जोन में न डालकर, अपनी सहूलियत के हिसाब से जहां-तहां फेंके जाने पर ढुंग काटल में रह रहे लोगों के मकान व खेत- खलिहान खतरे की जद में आ गए हैं।
जिनमें शिवप्रसाद रयाल, रमेश दत्त,भीम दत्त,बचन देव, गोपाल दत्त,सुनीता देवी व प्यारेलाल इन सभी रयाल बंधुओं के मकान,खेत-खलियान खतरे की जद में आ गए हैं।विद्युत पोल उखड़ गए हैं,पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
पीड़ित परिवारों ने प्रदेश सरकार और शासन से उचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।
सरकार पीड़ितों के जख्मों को भरने के लिए कब तक कार्रवाई सुनिश्चित करती है,ये देखने की बात होगी।