उत्तराखण्ड धर्म-कर्म एवं आस्था का केन्द्र होने के साथ ही सैर सपाटे के लिये बेहतरीन डेस्टिनेसन भी

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 देहरादून।  उत्तराखंड 8 नवम्बर, 2000 को अस्तित्व में आया। इस बेहद मनोरम प्रदेश की राजधानी देहरादून है। उत्तराखण्ड अपनी भौगोलिक स्थिति, जलवायु, प्राकृतिक वातावरण व संसाधनों की प्रचुरता के कारण देश में अन्‍यतम स्थान रखता है।  तीर्थयात्रा और पर्यटन की दृष्टि से भी यह राज्य वैश्विक पटल पर  अहम स्‍थान रखता है। राजधानी देहरादून के अलावा उत्तरकाशी, नैनीताल और मसूरी यहां के अन्‍य पर्यटन स्‍थल हैं। उत्तराखंड जल संसाधन से भी परिपूर्ण है। यहां की प्रमुख नदियां हैं- अलकनंदा, भागीरथी, रामगंगा, गंगा, यमुना, काली और शारदा देश के लिये बहुउपयोगी हैं। यहां धार्मिक पर्यटन भी काफी फल-फूल रहा है।

 विश्वविख्यात  योग एवं तीर्थ नगर ऋषिकेश में अनेक दर्शनीय स्थल हैं। यहां लक्ष्मण झूला, राम झूला, त्रिवेणी घाट, स्वर्ग आश्रम, वसिष्ठ गुफा, गीता भवन, योग केन्द्र, नीलकंठ महादेव मंदिर, भरत मंदिर, अय्यपा मन्दिर, कैलाश आश्रम, परमार्थ निकेतन  आदि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं।

 देहरादून में वन्य अनुसंधान संस्थान, मालसी डियर पार्क, गुरु राम राय दरबार, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, सहस्त्रधारा आदि दर्शनीय स्थलों पर पर्यटक जाते हैं। राज्य की राजधानी बनने से यहां का तेजी से विकास हुआ है।

 इससे  सटे मसूरी में काफी संख्‍या में सैलानी हर वर्ष आया करते हैं। मसूरी में केम्पटी फ़ॉल, लेक मिस्ट, संतरा देवी मंदिर, गन हिल, मसूरी झील आदि दर्शनीय स्थल  हैं। यहां हर वर्ष शीतकाल का में बर्फबारी का आन्द्र उठाने देश के कोने-कोने से पर्यटक मसूरी का रूख करते हैं।

उत्तरकाशी में विश्‍वनाथ मंदिर, शक्ति मंदिर, मनेरी, सत ताल, केदार ताल, नचिकेता ताल, गोमुख, नंदन वन तपोवन, नेहरू पर्वतारोही संस्‍थान आदि प्रमुख स्‍थान हैं। राज्य के सीमान्त पर्वतीय  जिले के  दश्नीय स्थलों लोगों को आना जाना वर्षभर लगा रहता है इसके अलावा पर्यटक उक्त इलाकों के सपाटे को भी आया करते हैं।

नैनीताल भी पर्यटकों को खूब भाने वाली जगहों में से यहां की नैनी झील देश-विदेशों में विख्यात है। नैनीताल के आसपास वाले इलाके जैसे भीमताल, सातताल, नौकुचीयाताल, कार्बेट फॉल तथा रामनगर में कॉर्बेट नेशलन पार्क भी पर्यटकों को खासा लुभाते हैं। 

रानीखेत लोगों की पसंदीदा हिल स्टेशन है यहां की प्राक‍्तिक सुन्दरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैँ। यहां ब्रिटि्श काल के क्रियाकलापों के  अवशेष आज जिवित हैं। चीड़ और देवदार के व‍्क्षों के बीच बसा खूबसूरत शहर से पर्वतराज हिमालय के साक्षात दर्शन किये जा सकते हैं।  

 अल्मोड‍़ा  प्राचीन सांस्क‍‍्तिक शहर के नाम से विख्यात है। लाला बाजार और चौक बाजार इसके केन्द्र हैं। अल्मोड़ा नगर अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। नगर में एक ओर चन्दकालीन किले तथा मंदिर हैं, तो वहीं दूसरी ओर ब्रिटिशकालीन चर्च तथा पिकनिक स्थल भी उपस्थित हैं। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा सड़क मार्ग से पूरे कुमाऊँ क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, इसलिए सुदूर पर्वतीय स्थलों तक भ्रमण करने वाले लोग भी अल्मोड़ा से होकर गुजरते हैं। 

हरिद्वार तीर्थ के रूप में बहुत प्राचीन तीर्थ है। सर्वाधिक दर्शनीय और महत्वपूर्ण तो यहाँ गंगा की धारा ही है। ‘हर की पैड़ी’ के पास जो गंगा की धारा है वह कृत्रिम रूप से मुख्यधारा से निकाली गयी धारा है और उस धारा से भी एक छोटी धारा निकालकर ब्रह्म कुंड में ले जायी गयी है। इसी में अधिकांश लोग स्नान करते हैं। मनसा देवी मंदिर और तारा देवी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इन दोनों मंदिरों के दर्शनार्थ लोगों के लिये प्रशासन ने रोपवे एवं सुगम पैदल मार्ग दोनों की व्यवस्था की हैँ। 

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