15 फरवरी तक माँगें न मानी तो प्रदेश व्यापी आँदोलन पर उतरेंगे प्रधान

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प्रदेश प्रधान संगठन का 24 सूत्री मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर। वर्षों से लंबित पड़ी समस्याओं का निराकरण यदि आगामी 15 फरवरी तक ना किया गया तो, उत्तराखंड प्रदेश ग्राम प्रधान संगठन ने प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी दे डाली है।
प्रदेश संगठन के अध्यक्ष भास्कर सम्मल की अध्यक्षता व प्रदेश महामंत्री प्रताप सिंह रावत के संचालन में आयोजित प्राँतीय बैठक में लंबी चर्चा उपरांत संगठन द्वारा सर्वसम्मत पारित प्रस्तावों के मुताबिक निर्णय लिया गया कि यदि 24 सूत्री माँगों पर समस्याओं के निराकरण की कार्यवाही सरकार की ओर से प्रारंभ न हुई तो प्रदेश के प्रधान 15 फरवरी के बाद,तुरंत प्रदेश व्यापी आँदोलन में कूद पड़ेंगे।
संघ की प्राँतीय बैठक में शिरकत करने के बाद यहाँ लौटते वक्त संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष रणाकोटी ने मीडिया से रूबरू होते हुए उक्त संबंध में विस्तृत जानकारी दी है।
प्रधान संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष रणाकोटी ने प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्तावों के कार्यवृत्त की सम्यक जानकारी देते हुए बताया कि हैरतंगेज बात तो ये है कि प्रदेश सरकार की कथनी और करनी कहीं भी मेल नहीं खाती।
प्रदेश मीडिया प्रभारी रणाकोटी ने बताया कि देहरादून कैंट के गोरखाली सुधार सभागार में आयोजित प्राँतीय बैठक में प्रदेश,जिला और ब्लाक कार्यकारणी के पधाधिकारियों की संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि 15 फरवरी तक माँगे पूरी न हुई तो प्रदेश के प्रधान 24 सूत्री माँगों को लेकर, तुरंत प्रदेश व्यापी आँदोलन को बाध्य होंगे।
संगठन की प्रमुख माँगों में मुख्यमंत्री की पूर्व घोषणानुसार आपदा निधि में पंचायतों को 10 हजार की धनराशि उपलब्ध कराने, उत्कृष्ट कार्य के लिए चयनित ग्राम प्रधानों को 10 हजार व प्रशस्तिपत्र प्रोत्साहन के रूप में दिलाये जाने,73वें संशोधन के तहत 29 विभाग पंचायतों को हस्तांतरित करने,15 वें वित्त की धनराशि पंचायतों को दिलाये जाने,ग्राम पंचायत की खुली बैठक में पारित प्रस्तावों को जिला योजना में वरियता दिलाये जाने,पंचायत भवनों का निर्माण 10 लाख से बढ़ा कर 20 लाख किये जाने, प्रधानों का आरक्षण 5 के बजाय अब 10 वर्ष किये जाने, कोरोना के चलते प्रधानों का कार्यकाल 2 वर्ष और बढ़ाये जाने,ग्राम पंचायतों में बनी अतिरिक्त समितियों को समाप्त किये जाने, राज्य भर में प्रधानों को टोल से मुक्त रखे जाने, ग्राम प्रधानों का मानदेय 3,500 से बढ़ाकर 5 हजार करने,एन एम एम एस के श्रमिक उपस्थिति हेतु विकल्प निर्धारित करने, मनरेगा सामग्री का भुगतान 3 माह के अंदर किए जाने,20 श्रमिकों तक पूर्व की भांति ऑफलाइन मस्ट्रॉल पर कार्य करवाए जाने, मनरेगा निर्माण कार्यों में सामग्री व मजदूरी का अनुपात 70℅ व 30% रखे जाने तथा कुशल श्रमिकों का भुगतान भी समस्त श्रमिकों के साथ किए जाने सहित अन्य कई मांगें शामिल हैं।
प्रधान संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष रणाकोटी ने कहा कि बैठक में प्रदेश भर के प्रधानों में इस बात को लेकर जबरदस्त आक्रोश था, कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में पंचायतों के हित में की गई घोषणाएं बरसों बाद भी अम्ल नहीं लाई गई हैं।
ऐसे में सरकार चलाने वालों पर कैसे विश्वास किया जा सकता है।
रणाकोटी का मानना है कि नेताओं की इस तरह की कार्यपद्धति समाज को ना सिर्फ दिग्भ्रमित करने वाली है, बल्कि सफेदपोश धारियों से आम जनमानस का विश्वास उठना भी स्वाभाविक है।
रणाकोटी ने बताया कि 15 फरवरी तक समस्याएं न सुलझी तो राज्य के प्रधान प्रदेश व्यापी आँदोलन का बिगुल बजा देंगे।
प्रदेश मिडिया प्रभारी आशीष रणाकोटी ने बताया कि बैठक को प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री के अलावा प्रधान संघठन के प्रदेश उपाध्यक्ष मीनू खत्री, रविमानद विनवाल, धर्म दत्त डिमरी, प्रदेश महामंत्री कुंदन महर, प्रदेश सचिव धर्म सिंह पंवार, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष रणाकोटी,
जिला अध्यक्ष टिहरी रविंद्र सिंह राणा, देहरादून के सोबन सिंह, रुद्रप्रयाग के देवेंद्र भंडारी, प्रदेश सलाहकार बलवंत रावत, सचिव विकास मैठाणी सहित अनेकों पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया।

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