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135 उप निरीक्षकों की पासिंग आउट परेड संपन्न, नई जगहों पर मिली तैनाती
वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
यहां स्थित पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में 135 उप निरीक्षक प्रशिक्षुओं की छह माह की पदोन्नति प्रशिक्षण के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के कार्यक्रम में पहुंचने पर पुलिस बैंड के मधुर धुन के साथ देशभक्ति से ओत-प्रोत भाव गान के साथ उनका स्वागत किया गया।
इस दौरान सर्वोच्च अंक हासिल करने वाले ट्रेनी एसआई अमनदीप सिंह और पूरन सिंह को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु घोषित किया गया। पुरस्कृत किया गया । प्रशिक्षण में एक्टिव सर्विलांस, आपदा प्रबंधन, साइबर क्राइम, एटीएस सहित कई गंभीर विषयों पर गहनता से जानकारी दी गई।
शुक्रवार को पीटीसी परिसर में मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने प्रशिक्षण का समापन करते हुए 136 उपनिरीक्षकों के वर्दी पर सितारे लगाते हुए उन्हें उत्तराखंड पुलिस के स्वर्णिम इतिहास से रूबरू कराया। कहा कि अब पदोन्नति के बाद इन पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि प्रशिक्षु मुख्य आरक्षियों को देखकर प्रतीत हो रहा है कि इनका मनोबल सातवें आसमान पर है। बेहतर प्रशिक्षण के कारण उन्हें काफी आत्मविश्वास है। कहा कि पुलिस आपदा के समय पीड़ित और भगवान के बीच ही एक कड़ी की तरह कार्य करती है। पुलिस अधिकारी समाज के बीच राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने प्रशिक्षण प्राप्त उप निरीक्षकों पर विश्वास भरे शब्दों से कहा कि उनके जज्बे और हौसलों से लगता है कि वह अपने देश की माटी और मानव सेवा के लिए नए आयाम स्थापित कर, जनता के बीच खाकी की इज्जत को बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने पाठ्यक्रमानुसार अन्तः और बाह्य कक्ष विषय में उपनिरीक्षक अमनदीप सिंह, नरेश सिंह, राजेंद्र सिंह रावत, पंकज डंगवाल और महेंद्र सिंह जीना को मेडल व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया।
डीजीपी ने कहा पुलिस के सामने हमेशा से बड़ी चुनौतियां रही हैं। लेकिन अपनी कर्माता के बल पर वे चुनौतियों को पार पाने में सफल रहे हैं।
डीजीपी ने कहा कि खाकी वर्दी के बदौलत पावर, हथियार व कानून को इस्तेमाल करने की इजाजत पुलिस को मिली है। मगर ये अधिकार पीड़ित केंद्रित पुलिसिंग कार्रवाई के लिए प्रयोग में लाये जाने चाहिए। कहां की सब इंस्पेक्टर पुलिस विभाग की रीढ़ हुआ करती है। कहा कि कावड़ यात्रा सहित टूरिस्ट यात्रियों की सुरक्षा, बरसात के दिनों में आपदा व चार धाम यात्रा को बखूबी संपन्न कराने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने समूचे देश में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। कहा पुलिस इस पहचान को और विशेष बनाने में कामयाब होगी।
निदेशक/डीआईसी ददन पाल ने प्रशिक्षण की रूपरेखा से अवगत कराया। उप प्रधानाचार्य शेखर चन्द्र सुयाल की देखरेख में उन्हें यह प्रशिक्षण दिया गया। सुयाल ने बताया कि विशेषज्ञ वक्ताओं को आमंत्रित कर मानवाधिकार, सीसीटीएनएस, आपदा प्रबंधन, बम डिस्पोजल, सर्विलांस, साइबर क्राइम, एटीएस विषयों पर प्रशिक्षण के साथ ही अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, शारीरिक दक्षता, टीम भावना, फायरिंग, पुलिस बल के प्रति निष्ठा व समर्पण का भाव की जानकारियां दी गई। प्रशिक्षुओं को चारधाम यात्रा, कांवड़ मेला ड्यूटी, विधानसभा चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर फील्ड एक्सपोजर दिया जाएगा।
इस मौके पर एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीओ सुरेन्द्र प्रसाद बलूनी, प्रतिसार निरीक्षक सुशील रावत, निर्मला राणा सहित पुलिस अधिकारी, ने गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।