युवाओं के भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी देवभूमि उद्यमिता योजना: डॉ. संजय महर

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वाचस्पति रयाल @नरेन्द्रनगर

देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्याओं को हल करने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की अनेकों योजनाएं धरातल पर उतारी जा रही हैं।

इन्हीं योजनाओं में बड़ी महत्वपूर्ण है,देवभूमि उद्यमिता योजना। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता शुरू कर दी गई है। योजना के अंतर्गत प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को उद्यमिता और कौशल विकास का प्रशिक्षण कार्यक्रम निरंतर गतिमान है।

देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत पिछले दिनों अहमदाबाद में 6 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे, महाविद्यालय के प्राध्यापक व इनोवेशन सेंटर एवं उद्यमिता केंद्र के नोडल डॉ० संजय महर के कॉलेज आगमन पर महाविद्यालय स्टाफ व छात्र-छात्राओं में इस बात को लेकर बड़ा उत्साह नजर आ रहा था कि डॉ० महर द्वारा लिया गया प्रशिक्षण का ज्ञान व अनुभव छात्रों के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होगा।
डॉ० संजय महर द्वारा सीखे गए प्रशिक्षण का लाभ छात्र-छात्राओं सहित सभी को शेयर करने के मकसद से नरेन्द्रनगर महाविद्यालय के उद्यमिता विकास केंद्र द्वारा संबंधित योजना को धरातल पर उतारने के उद्देश्य से महाविद्यालय में उक्त विषय पर एकदिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 राजेश कुमार उभान ने कहा कि देवभूमि उद्यमिता योजना के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं में उद्यमिता एवं स्व-रोजगार की भावना को विकसित करने के उद्देश्य इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कहा कि महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ० संजय महर उक्त विषय के अंतर्गत भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद से 6 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे हैं, उनके प्रशिक्षण का अनुभव का लाभ ना सिर्फ विद्यार्थियों को बल्कि क्षेत्र के लोगों को भी मिलेगा।
डॉ० उभान ने कहा कि कड़ी मेहनत, लगन व निष्ठा से कठिन कार्य सदैव धरातल पर उतारे जाते रहे हैं। कहा कि इस क्षेत्र में काम में रुचि रखने वाले युवा अपना भविष्य बनाते नजर आ रहे हैं।उम्मीद जताई कि युवा योजना को धरातल पर उतार कर अपने भविष्य को संवारने में जुटेंगे।
इनोवेशन सेंटर एवं उद्यमिता केन्द्र के नोडल तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ0 संजय महर ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी है।

उन्होंने कहा लक्ष्य आगे बढ़ने, प्रोत्साहित करने, कार्य के प्रति केंद्रित करने तथा निर्णय लेने की क्षमता व प्रक्रिया को आसान बना देता है।
उद्यमिता विकास योजना के विषय में सविस्तार बताते हुए डॉक्टर महर ने कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में मेहनत से काम करने वालों की जहां जिंदगी सुधर रही है,वहीं उनके कार्यों की क्षेत्रों में मुक्त कंठ प्रशंसा भी हो रही है।

डॉ० महर ने कहा कि उद्यमिता विकास योजना युवाओं के भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।
बताया कि छात्र-छात्राओं को स्टार्ट-अप के लिए आइडिया क्रिएशन होना स्पष्ट जरूरी है। कहा कि किसी भी स्टार्ट-अप के लिए नवाचार, नवोन्मेष एवं उद्यमिता हेतु सृजनशीलता आवश्यक है, तभी चुनौतियों के बीच जोखिम प्रबन्धन के माध्यम से उद्यमिता में सफलता हासिल की जा सकती है।कहा कि कार्यशाला के माध्यम से छात्र-छात्राओं में उद्यमिता की भावना विकसित कर,उनमें हुनर को तलाशा जा रहा है, लिहाजा छात्र-छात्राएं इस तरह की कार्यशालाओं को अपने जीवन के निर्माण के रूप में लें और तमाम तरह की गतिविधियों को बारीकी से समझें, ताकि इस क्षेत्र में उनकी दिलचस्पी बढ़े और वे अपने जीवन का नवनिर्माण शुरू कर सकें।

इस मौके पर डॉ0 आराधना, डॉ0 विक्रम बर्त्वाल, ज्योति शैली, विशाल त्यागी, अजय सिंह, गणेश पाण्डेय, प्रिया चौहान के साथ ही सभी संकायों के छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।

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