आईआईएमएम ने ‘सार्वजनिक खरीद में उभरते रुझान’ पर संगोष्ठी का आयोजन किया

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 नई दिल्ली। भारत में सार्वजनिक खरीद का मूल्य जीडीपी का लगभग 15-20%  है। इसके अलावा, मौजूदा बुनियादी ढांचे के उन्नयन की दिशा में सरकार का जोर, तथा  परियोजनाओं के पैमाने एवम परिमाण के परिणामस्वरूप खरीद के अवसरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है जैसा कि “डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया” पहल से स्पष्ट है, जिसका उद्देश्य बेहतर कनेक्टिविटी, स्थानीय डिजाइन और विनिर्माण के साथ घरेलू उद्योगों से सार्वजनिक खरीद गतिविधियों में अधिक भागीदारी करना है।
सार्वजनिक खरीद न केवल बेहतर बुनियादी ढांचा और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने के लिए समाज के प्रति सरकार के दायित्व को पूरा करती है बल्कि यह आपूर्तिकर्ताओं और उद्योग के बीच विश्वास और अवसरों का एक पुल बनाकर घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने में भी मदद करती है ताकि हर कोई समान और पारदर्शी तरीके से भाग लेने के लिए स्वतंत्र हो।

श्री। राम प्रकाश, अतिरिक्त सदस्य रेलवे बोर्ड एवं कार्यक्रम  के मुख्य अतिथि ने सार्वजनिक खरीद के महत्व, मेक इन इंडिया कार्यक्रम की भूमिका और सार्वजनिक खरीद में जीईएम जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग और भारत में सार्वजनिक खरीद के बदलते चेहरे पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कुशल और पारदर्शी सार्वजनिक खरीद देश में विकास के इंजन के रूप में कार्य कर सकती है।

पीडब्ल्यूसी के निदेशक रोहित सक्सेना, ने सार्वजनिक खरीद में विभिन्न खर्च प्रवृत्तियों, नई तकनीकों, खरीद की गति, गुणवत्ता और भुगतान के मुद्दों पर प्रकाश डाला।

Indian Institute of Materials Management ( आईआईएमएम) के राष्टीय राष्ट्रीय अध्यक्ष  एवम वाणिज्य मंत्रालय के पूर्व अपर महानिदेशक (पूर्ति) श्री हरीश कुमार शर्मा ने सार्वजनिक खरीद में  विधायी प्रवृत्तियों, कार्यकारी आदेश प्रवृत्तियों, प्रौद्योगिकी प्रवृत्तियों और कानूनी प्रवृत्तियों और सार्वजनिक खरीद में अन्य प्रवृत्तियों और सार्वजनिक खरीद के बुनियादी सिद्धांतों और सार्वजनिक खरीद में प्रशिक्षण के महत्व पर विस्तार से बताया।

श्री प्रकाश मिरानी, अतिरिक्त सीईओ गवर्मेंट ई मार्केटप्लेस (GeM) ने GeM पर सार्वजनिक खरीद करने में आसानी और GeM पर पिछले विक्रेताओं के लिए अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने  पिछले वित्त वर्ष में GeM पर 1 लाख करोड़ से अधिक के सामान और सेवाओं की खरीद का जिक्र किया।

पूर्व रियर एडमिरल प्रदीप जोशी ने रक्षा खरीद में वर्तमान रुझानों और रक्षा खरीद में स्वदेशीकरण की भूमिका पर प्रकाश डाला।  सीवीसी के मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री अशोक कुमार ने सार्वजनिक खरीद में आम अनियमितताओं और खरीद में पारदर्शिता के महत्व पर प्रकाश डाला।

डॉ. श्रीमती इशिता त्रिपाठी, अतिरिक्त विकास कमिश्नर एमएसएमई मंत्रालय ने राष्ट्र निर्माण में एमएसएमई की भूमिका और एम एस एम ई से खरीद की नवीनतम सार्वजनिक नीति के बारे में विस्तार से बताया। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार  संवर्धन विभाग(डी एवं  पी आई आई टी) के उप महानिदेशक श्री राजेश गुप्ता ने सरकार द्वारा मेक इन इंडिया को वरीयता पर नीति और  स्वदेशी वस्तुओं की खरीद पर जोर  पर चर्चा की। श्री। रतन सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता ने सार्वजनिक खरीद में तेजी से विवाद समाधान की भूमिका और सरकार के साथ व्यापार करने में व्यावसायिक संस्थाओं के विश्वास में सुधार पर प्रकाश डाला।

प्रतिभागियों ने संगोष्ठी की सामग्री की बहुत सराहना की और अध्यक्ष संगोष्ठी श्री नंदकुमार और आई आई एम एम दिल्ली शाखा से सार्वजनिक खरीद पर इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुरोध किया। श्री संजय शुक्ला, दिल्ली शाखा के अध्यक्ष ने सार्वजनिक खरीद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।

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