नरेन्द्रनगर पालिका के सीमा विस्तार से जगी क्षेत्र के विकास की नई उम्मीद

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  • क्षेत्रीय विधायक एवं सरकार में मंत्री सुबोध उनियाल की विकासपरक सोच एवं पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार के नेतृत्व में  विकास के पथपर  तेजी से आगे बढ़ रहा  नरेन्द्रनगर
  • वर्ष 1918 का ओड़ाथली,  आज  का  नरेंद्रनगर
  • टिहरी रियासत के महाराजा नरेंद्र शाह ने अपने नाम से  दिलाई पहचान
  • 5 नवंबर 1969 को अस्तिव में आई नगर पालिका 

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।

अभी हाल ही में प्रदेश की हुई कैबिनेट की बैठक में जिन नगर निकायों में नए क्षेत्रों को शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया है, उनमें नगर पालिका परिषद नरेंद्रनगर भी शामिल है।

प्रदेश की कैबिनेट द्वारा नगर पालिका परिषद नरेंद्रनगर में कई नए क्षेत्रों को शामिल किया गया है। जिनमें पाथों स्थित अमाया होटल, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से लगा क्षेत्र कांडा गांव, बगरधार स्थित कृषि मंडी निर्माणाधीन माली ट्रेनिंग सेंटर के साथ ही निर्माणाधीन बस अड्डा, माउंट कार्मल क्रिश्चियन अकैडमी स्कूल व बगरधार के एरिया में स्थित सिटी ऑफ रोमांस होटल, हिंडोला खाल स्थित मंदिर/मार्केट व निर्माणाधीन पार्किंग के अलावा सुप्रसिद्ध सिद्ध पीठ श्रीकुंजापुरी मंदिर सहित बडेडा गांव शामिल है।

उक्त क्षेत्रों को नगर पालिका परिषद नरेंद्रनगर में शामिल कर दिए जाने से पालिका का क्षेत्रफल अब 10.36 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 15 वर्ग किलोमीटर से अधिक हो जाएगा। पालिका के क्षेत्रफल बढ़ने के साथ ही पालिका की जनसंख्या में डेढ़ गुना से अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पालिका क्षेत्र की जनसंख्या 6 हजार से अधिक थी। अब नए क्षेत्रों को मिलाने से यह आंकड़ा 10 हजार के ईर्द-गिर्द पहुंचने की उम्मीद है।
कैबिनेट के निर्णय का खास प्रभाव यह होगा कि जिन क्षेत्रों को पालिका में शामिल कर लिया गया है वहां बिजली, पानी, स्वास्थ्य,सड़क व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी होने के साथ ही मंदिर, पार्किंग व मंडी परिसर आदि क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था चौक-चौबंद रह सकेगी तथा यात्रियों व श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिल सकेगी।

बताते चलें कि नरेंद्रनगर विधानसभा में चौथी बार विधायक बने वन मंत्री सुबोध उनियाल विकास के पर्याय जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में क्षेत्र विकास की नई ऊंचाइयों को छूता चला जा रहा है।
लोगों में चर्चा है कि नरेंद्रनगर पालिका को बार-बार बड़ा आकार देने की बात करने वाले मंत्री सुबोध उनियाल की विकास परक सोच का ही परिणाम है कि नगरपालिका में अन्य क्षेत्रों को शामिल कर लिया गया है,जो बहुत जल्द मूर्तरूप में धरातल पर उतरती दिखाई देगी।

यह भी बताते चलें कि नरेंद्रनगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत ताबड़तोड़ हो रहे विकास कार्यों के पीछे नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार नगर के विकास की रफ्तार के लिए मंत्री सुबोध उनियाल को जहां आम मंचों से श्रेय देते हैं, वहीं वर्ष 2018 में नगर पालिका अध्यक्ष बने राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार के नेतृत्व में शहर के अंदर चल रहे विकास कार्यों की नगर वासी मुक्त कंठ प्रशंसा करते सुने जाते हैं।

नगर पालिका परिषद में शामिल हुए क्षेत्रों को उम्मीद है कि पालिका के नगर क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की तरह ही पालिका में शामिल हुए नये क्षेत्र भी विकास की नयी रप्तार पकड़ेंगे।
बताते चलें कि ऐतिहासिक नगरी नरेंद्रनगर रियासत कालीन समय को भी जोड़ते हुए कुल 60 से अधिक वर्षों तक टिहरी रियासत और जनपद का मुख्यालय रहा है। वर्ष 1918 से पहले की ओड़ाथली, जिसे आज नरेंद्रनगर के नाम से जाना जाता है,को टिहरी रियासत के महाराजा नरेंद्र शाह ने अपने नाम से पहचान दिलाई थी।

महाराजा नरेंद्र शाह द्वारा नरेंद्रनगर को वर्ष 1928 नवंबर को म्युनिसिपल कमेटी घोषित किया गया था। सितंबर 1950 में नोटिफाइड एरिया, नवंबर 1958 में श्रेणी 4 की संस्था तथा 5 नवंबर 1969 को नगर पालिका घोषित की गई। 22 नवंबर 1953 से पूर्व ठाकुर जगत सिंह, मेदनी धर डंगवाल, ईश्वरी दत्त रतूड़ी व शेर सिंह पुंडीर नामित अध्यक्ष रहे।

ठा० किशोर सिंह पंवार पहले व्यक्ति थे जो जनता द्वारा 1953 में नगर पालिका परिषद के पहले अध्यक्ष चुने गए,वे दो बार पालिका के अध्यक्ष चुने गए, इसके बाद शिवलाल भंडारी, सोबन सिंह नेगी, श्रीमती विमला नेगी, राजेंद्र सिंह राणा व श्रीमती दुर्गा राणा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष रहे हैं। इनमें कई दो बार भी अध्यक्ष रहे हैं।
वर्ष 2018 में चयनित वर्तमान पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार ने विकास कार्यों को गति देकर शहर को नई दिशा व पहचान देने को निरंतर तत्पर हैं।

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