दुनिया का कोई भी लक्ष्य इंसान की हिम्मत से बड़ा नहीं हो सकता: सुबोध

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आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है-सेमवाल

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
टिहरी के नरेश नरेंद्र शाह की बसाई नगरी,नरेंद्रनगर के पालिका रामलीला मैदान में 2 दिवसीय 11वीं राज्य स्तरीय प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता (इंस्पायर अवार्ड-मानक) का शुभारंभ, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व प्रदेश के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल,एनसीईआरटी की निर्देशक वंदना गर्व्याल,अपर निदेशक ए के नौडियाल, संयुक्त निदेशक आशा पैन्यूली,नि-वर्तमान पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार व मुख्य शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद सेमवाल ने सरस्वती के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।

इस मौके पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता को छोटी उम्र के स्कूली बच्चों में इनोवेशन और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने वाला बताया और कहा कि आज के बच्चे कल के देश के भविष्य हैं।

मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रदेश के होनहार बाल वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी बड़ा सा बड़ा लक्ष्य कर्मठ, संघर्षशील और काम के प्रति समर्पण से भरपूर व्यक्तित्व की हिम्मत से बड़ा नहीं हो सकता।

वन मंत्री उनियाल ने कहा कि देश के कम उम्र के विद्यार्थियों को विज्ञान अध्ययन एवं अनुसंधान के प्रति उनकी रुचि आकर्षित करने व इस क्षेत्र में उन्हें अपना करियर बनाने के मकसद से भारत सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विगत वर्षों से इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।

इस तरह की प्रतियोगिताएं कराने से,उत्तराखंड के ही नहीं,देश के कम उम्र के विद्यार्थी ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं, जिससे विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की उम्मीदें बहुत बलवती होती जा रही हैं हैं, और बच्चे विज्ञान को अपने करियर के रूप में अपनाने को बहुत उत्सुक दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण किया, बच्चों की मेहनत की प्रशंसा के साथ शिक्षकों के मार्गदर्शन की भी जमकर सराहना की है और उम्मीद जताई है कि बच्चे अपने हुनर को नेशनल प्रदर्शनी में दिखाकर प्रदेश, देश और अपने गुरुजनों के नाम के साथ अपना नाम रोशन करेंगे।

इस मौके पर एससीईआरटी की निदेशक वंदना गर्व्याल ने कहा कि प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों का चयन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस उम्र के बच्चों में जागरूकता और उत्सुकता, अन्यों के मुकाबला अधिक होती है, और किसी भी मामले में छोटे बच्चे जल्द पकड़ने में सक्षम होते हैं। इसीलिए 10 से 15 वर्ष के बच्चों को इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया जाता है। मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद सेमवाल ने मुख्य अतिथि के स्वागत के साथ विज्ञान प्रदर्शनी प्रोजेक्ट को बाल वैज्ञानिकों में विज्ञान के प्रति नई सोच विकसित करने वाला बताया।

मुख्य अतिथि सुबोध उनियाल सहित कार्यक्रम में मौजूद निर्देशक वंदना गर्व्याल, निवर्तमान पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार व अपर निदेशक ए के नोडियाल आदि का आभार व्यक्त करते हुए, मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद सेमवाल ने विज्ञान और टेक्नोलॉजी को परिभाषित करते हुए कहा कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है।

श्री सेमवाल ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है, आदिकाल से लेकर अब तक जितनी भी प्रगति हुई है, वह सब विज्ञान की देन है।
कहा कि जैसे-जैसे मनुष्य की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं,वह नए-नए आविष्कार करता जा रहा है, मनुष्य के सोच के मुताबिक यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।

उन्होंने बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
प्रतियोगिता में प्रदेश भर के 13 जनपदों से कक्षा 6 से 10 तक के अध्यनरत 10 से 15 वर्ष तक के 122 बाल वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।
राज्य स्तर की इस प्रतियोगिता से 12 बच्चों का चयन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए किया जाएगा।
इंस्पायर अवार्ड की इस विज्ञान प्रदर्शनी में बाल विज्ञानियों ने अपने विचार और सोच के आधार पर एक से बढ़कर एक स्वनिर्मित प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किये तथा निर्णायकों को अपने-अपने प्रोजेक्टों की जानकारियां भी दी।
बच्चों का कहना था कि इस तरह के कार्यक्रमों से उन्हें एक दूसरे से सीखने का मौका मिलता है। वैज्ञानिक सोच बढ़ती है और देश के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा होता है।

नि-वर्तमान पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार ने मंत्री सुबोध उनियाल सहित सभी का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर प्रदेश के वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के साथ, नि-वर्तमान पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार, अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण की निदेशक वंदना गर्व्याल, अपर निदेशक एससीईआरटी के अपर निदेशक ए के नौडियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद सेमवाल, संयुक्त निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान की आशा पैन्यूली, वर्ल्ड मेमोरी चैंपियन का खिताब जीतने वाले प्रतीक यादव, आईसीए के निदेशक मुकेश अग्रवाल, खंड शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश वर्मा, कार्यक्रम संयोजक अलख नारायण दुबे के अलावा जिलों के समन्वयकों में नैनीताल से हिमांशु पांडे, उत्तरकाशी से राजेश जोशी, रुद्रप्रयाग से रमेश चंद्र मैठानी,चमोली से गंभीर सिंह, पौड़ी से देवेंद्र सिंह, देहरादून से श्रीमती ऋचा जुयाल,हरिद्वार से नितिन शर्मा,पिथौरागढ़ से प्रवीण सिंह पडियार,बागेश्वर से राजीव निगम, अल्मोड़ा से विनोद कुमार, चंपावत से संतोष शरद जोशी व उधम सिंह नगर से जगदीश कुमार के अलावा व्यवस्था बनाने में प्रधानाचार्य पंकज ड्यूडी, जिला समन्वयक टिहरी अलख नारायण दुबे, रामाश्रय सिंह,डा० रामगोपाल गंगवार, आदित्य नारायण, डॉ सुमन रावत, मंजू बहुगुणा, पुष्पा रावत इंदु शर्मा व प्रियंका डिमरी आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन अवनीश उनियाल, प्रधानाचार्य पंकज ड्यूंडी व अनिल कुकरेती ने किया।

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