नरेन्द्रनगर में रामलीला: महिलाओं की भारी भीड़ ने बढ़ाई लीला की रौनक

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  • लक्ष्मण शक्ति दृश्य में राम के विलाप को देख द्रवित हो उठे दर्शक

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की 65 वीं लीला के नौवें दिन रावण दरबार, राम-लक्ष्मण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, राम विलाप, रावण-कुंभकरण संवाद, कुंभकरण वध, रावण विलाप, लक्ष्मण-मेघनाथ युद्ध व सुलोचना का सती होना आदि मनमोहक दृश्यों के शानदार मंचन को देख दर्शक अंतिम प्रस्तुति तक पंडाल में जमे रहे।

बड़ी संख्या में मौजूद राम भक्तों द्वारा भारी ठंड के बावजूद देर रात तक चलने वाली लीला का आस्थावान राम भक्तों ने भरपूर आनंद उठाया।
लक्ष्मण-मेघनाथ युद्ध को देख दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। लेकिन मेघनाथ द्वारा युद्ध में लक्ष्मण को शक्ति बाण लगने से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं।

भाई को मूर्छित देख प्रभु राम विलाप करने लगते हैं, तो दर्शक दीर्घा में मायूसी छा जाती है। सुशैन वैद्य लक्ष्मण के उपचार के लिए संजीवनी बूटी मंगाते हैं, हनुमान हिमालय पर्वत पर जाकर संजीवनी को मय पर्वत सहित उठा लाते हैं। सुशैन वैद्य के उपचार के बाद, लक्ष्मण बिजली के तरह रणभूमि में खड़े हो जाते हैं।

दर्शक दीर्घा तालिया से गुंजायमान हो उठती है। इसी तरह तमाम दृश्य मन बहुत ही मनमोहक व रोचक थे। राम की भूमिका में कु०लक्ष्मी, लक्ष्मण की भूमिका में रिया, भरत की भूमिका में अंशुमन, रावण की भूमिका में आशीष बिजल्वाण, मेघनाथ की भूमिका में सुधांशु, हनुमान की भूमिका में लीला समिति के सचिव व एडवोकेट विकास उनियाल,सुग्रीव की भूमिका में शौर्य, नील की भूमिका में मोहित, मंदोदरी की भूमिका में तेजराम सेमवाल व सुलोचना की भूमिका में सुनीता, सुशैन वैद्य की भूमिका में पवन कुमार ड्यूंडी,विभीषण की भूमिका में राहुल सहित सभी कलाकारों के शानदार अभिनय को देख दर्शकों की भीड़ पंडाल में बढ़ती जा रही है।

लीला को भव्य बनाने में जहां कलाकारों का उम्दा प्रदर्शन काबिले तारीफ है, वहीं महिलाओं की भारी भीड़ लीला की रौनक को बढ़ाती जा रही है।

रामलीला में पहली बार बालिकाओं के बेहतरीन अभिनय ने दर्शकों का मन जीतने में सफलता हासिल की है। इसका साक्षी दर्शकों से खचा-खच भरा पालिका का रामलीला मैदान बनता जा रहा है।

लीला के भव्य मंचन में, निर्देशक रमेश असवाल, दिनेश कर्णवाल,धूम सिंह नेगी, द्वारिका प्रसाद जोशी के कुशल निर्देशन इस बार लीला निरंतर सफलता की नई ऊंचाइयों को छूती चली जा रही है।

हारमोनियम में राकेश बहुगुणा,तबले पर शैलेंद्र नौटियाल की वाद्य यंत्रों की संगति लीला को और भव्य बना रही है।
प्रकाश ड्यूंडी, मनोज गंगोटी, राजू भारती, नरपाल सिंह भंडारी के सहयोग की सभी प्रशंसा कर रहे हैं।
मंच संचालन का काम शिक्षक महेश गुसाईं करते आ रहे हैं।

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