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- वार्षिकोत्सव में उमड़ी भीड़, बच्चों ने विभिन्न संस्कृतियों के रंग बिखेर, किया हुनर का प्रदर्शन
- पहले इंग्लिश मीडियम विद्यालय स्थापित कर विकास रयाल बने जनता के चहेते
वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
पट्टी दोगी क्षेत्र के केंद्रीय स्थल गूलर में स्थित बिशंबर दत्त मेमोरियल इंग्लिश मीडियम जूनियर हाई स्कूल के प्रथम वार्षिकोत्सव में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देश प्रेम से ओत-प्रोत लघु नाटिकाओं, भावगीतों व शानदार रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों से उपस्थित जन समूह को मंत्र मुग्ध कर दिया।
वार्षिकोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि व भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता की ध्वजवाहक माता ज्ञान सुवीरा व विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि व विद्यालय सहयोग के लिए सदैव बड़ा दिल रखने वाली माता ज्ञान सुवीरा ने अपने सूक्ष्म, मगर सारगर्भित संबोधन में कहा कि यदि ऊंचे हौसले और संघर्षों से लोहा लेने वाला नेक सिद्धांतों पर चलने वाला व्यक्ति जीवन में कुछ करने की ठान ले, तो उसका यह सपना एक न एक दिन फलता फूलता होते दिखाई देता है, और व्यक्ति समाज में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ता चला जाता है। इसका जीता जागता उदाहरण आज हम सबके सामने विकास चंद्र रयाल के रूप में हैं। जिसका शिक्षा मंदिर स्थापित करने का सपना आज फलता फूलता दिखाई दे रहा है।
माता की इस उद्बोधन पर पूरी गूलर घाटी उपस्थित जनसमूह के करतल ध्वनि से गूंजायमान हो उठी।
उन्होंने कहा ऐसे हिम्मत और जज्बा रखने वाला नौजवान विकास चंद्र रयाल आज क्षेत्र के लोगों का चहेता यों ही नहीं बने, इसके पीछे उनकी कर्मठता, संघर्षशीलता व कार्य करने की दृढ़ इच्छा शक्ति है।
कहा कि रयाल के मार्गदर्शन व सबके सहयोग से स्कूल स्थापित करने और उसे फलीभूत होने का अवसर आज हम सबके सामने है।
माता ज्ञान सुवीरा ने कहा अपने नाम के अनुरूप काम करने वाले कर्मयोगी विकास चंद्र रयाल की प्रेरणा व जनता के सहयोग से स्थापित यह सरस्वती का मंदिर क्षेत्र के बच्चों के भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा।
स्कूल के प्रबंधक व निर्देशक विकास चंद्र रयाल ने बताया कि करीब 5 साल पहले एक अनोखे सपने के साथ कठिन परिस्थितियों के बीच लोगों के सहयोग से शिक्षा का मंदिर स्थापित करने का सपना जो कुछ वर्षों पहले देखा था, आज उसे कामयाबी की ओर अग्रसर देख हम सभी को खुशी की अनुभूति हो रही है।
रयाल ने कहा कि मन में ग्रामीण क्षेत्रों में इंग्लिश मीडियम वाली उत्कृष्ट शिक्षा देने की थी। क्योंकि क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में तैनात अधिकांश शिक्षक देहरादून, ऋषिकेश से यंहा आवागमन करते हैं। जिस कारण यहां शिक्षा के स्तर में निरंतर गिरावट आ रही थी।
कहा उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद नौकरी की परवाह न कर, क्षेत्र के बच्चों को उत्तम तालीम देने के मकसद से विद्यालय स्थापित करने की मन में ठानी थी,और लोगों से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा आज धरातल पर साकार होती दिखाई दे रही है।
स्कूल निदेशक विकास चंद्र रयाल ने आध्यात्मिकता की प्रतिमूर्ति ज्ञान सुवीरा,विशिष्ठ अतिथि केदारनाथ पाण्डेय सहित अन्य गणमान्य व विशिष्ठ अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अभिभावकों, क्षेत्रीय जनता और स्टाफ के सहयोग की जमकर प्रशंसा की।
विशिष्ट अतिथि केदारनाथ पांडे ने रयाल के कार्यों को एक मिशाल बताते हुए,सराहना की व विद्यालय को सहयोग देने का वचन दिया।
इस मौके पर जिला पंचायत श्यामपुर के सदस्य संजीव चौहान, विवेका अकादमी के स्कूल के विनय रयाल, रिवर वैली स्कूल के प्रबंधक अंकित सिंह,पवन पांडे,सुरेंद्र सिंह नेगी, शिव शंकर रयाल,गजेंद्र सिंह राणा, रमेश पुंडीर, योगेश मैठानी,कर्नल बलबीर कबसुडी, शिवालिक भागीरथी पब्लिक स्कूल के संस्थापक व प्रबंधक ने भी संबोधित किया।
खास बात यह रही कि कार्यक्रम का संचालन स्कूल के छात्रों ने अंग्रेजी व हिंदी दोनों भाषाओं में किया।
कार्यक्रम में श्यामपुर क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रभाकर पैन्यूली, सीए अनिल आरटी, जगदंबा प्रसाद रयाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, यशवंत रावत, चंद्रभूषण शर्मा, मेहर सिंह, राष्ट्रीय रीजनल पार्टी के शिव प्रसाद सेमवाल, नायब तहसीलदार पीतांबर सिंह रावत, प्रमोद चमोली, गजेंद्र सिंह राणा, सुनील सिंह राणा, ब्यासी के प्रधान प्रवीण पुंडीर, अनिल सिंह चौहान,आशुतोष मैठाणी, जगमोहन महर, लोकेंद्र कैंतुरा, भीम सिंह चौहान, बृजमोहन कोहली,योगेश मैठाणी आदि बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता कार्यक्रम में मौजूद थी।