अंतरात्मा में ज्ञान का उदय से होते हैं परमात्मा के दर्शन: मनमोहन

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वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
हां स्थित संत निरंकारी मिशन भवन में नरेंद्रनगर क्षेत्र के संयोजक कल्याण सिंह नेगी के मार्गदर्शन में विशाल संत समागम का आयोजन किया गया। विशाल संत समागम में गजा,खाड़ी,आमपाटा,डाबरखाल, फकोट,आगरखाल,डौंर,ओणी, दिउली आदि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आकर आस्थावान श्रद्धालु प्रवचन सुनने सत्संग में पहुंचे।

संत निरंकारी सत्संग भवन में विशाल सत्संग में सहारनपुर से पहुंचे निरंकारी मिशन के ज्ञान प्रचारक संत मनमोहन कृष्ण ने विशाल सत्संग में प्रवचन करते हुए कहा कि ईश्वर कण-कण में विराजमान है। कहा कि हमारा मन अज्ञानता, अहंकार और विलासिताओं में डूबा रहता है।
हम ईश्वर को मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारा जैसे जगहों पर ढूंढते हैं, लेकिन जब अज्ञानता की जगह अंतरात्मा में ज्ञान का दीपक उदय होता है, तो हम अपने ही अंदर समाये हुए ईश्वर को देख पाते हैं।

प्रवचन करते हुए ज्ञानी संत मनमोहन कृष्ण ने कहा कि ईश्वर भक्ति और जन कल्याण की भावनाओं से किये कार्यों में ही ईश्वर शक्ति निहित है।
सत्संग में आये कुछ लोगों का कहना था कि वे ऊपरी हवा से बहुत परेशान रहा करते थे, मगर जब से सत्संग की राह पकड़ी, तब से स्वास्थ्य में प्रगति व घरों में अमन-चैन है।

इस मौके पर निरंकारी मिशन नरेंद्रनगर क्षेत्र के संयोजक कल्याण सिंह नेगी ने बाहर से आए आगंतुकों सहित सभी का आभार व्यक्त किया।
नरेंद्रनगर क्षेत्र के संयोजक कल्याण सिंह नेगी ने कहा ईश्वर घट-घट वासी हैं। कहा कि ब्रह्मांड के निर्माता, परमात्मा जो अनाथों के भी नाथ हैं,के द्वारा निर्मित 84 लाख योनियों में सर्वोत्तम कृति मानव है, इसलिए मनुष्य को उत्कृष्ट कार्य करते हुए अपना मानव जीवन सफल बना कर ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए।

इस मौके पर सेवादल के शिक्षक रमेश असवाल, सेवादल के पूर्व शिक्षक नरपाल सिंह भंडारी, श्यामलाल, अनुराग, रोहित,नीलम राना,जमन सिंह भंडारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, इस अवसर पर ग्राम ओणी के कुंदन सिंह रावत द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, आस्थावान श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर एक तू ही निराकार के स्लोगन/उद्घोष के साथ सत्संग का समापन हो गया l

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