प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी 12 दिवसीय राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यशाला का हो रहा आयोजन

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  • पर्यटन व राफ्टिंग में नए आयाम स्थापित करेगा उत्तराखंड -डॉ० महर

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने में पर्यटन का महत्व यहां दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है।
यहां की नैसर्गिक छटा, सुरम्य वादियां, बर्फ से लक-दक उतुंग पर्वत शिखर और उनके बीच से निकलने वाली सदा वाहिनी नदियां, मनोहारी घने जंगलों से लगे घास के मैदान आदिकाल से ही पर्यटकों के आकर्षण केंद्र रहे हैं।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए अनेकों योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है।
सरकार की इस पहल को धरातल पर उतारने के मकसद से गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति टिहरी गढ़वाल के बैनर तले नरेंद्रनगर स्थित धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय के पर्यटन विभाग द्वारा विकासखंड नरेंद्रनगर के तपोवन में 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन आगामी 13 से 24 फरवरी तक ऋषिकेश के समीप तपोवन में किया जा रहा है।
बताते चलें कि “उत्तम राफ्टिंग व्यवसायियों के कौशल विकास के लिए आयोजित होने वाली इस प्रशिक्षण कार्यशाला की अब तक तमाम आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।

यह जानकारी जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी टिहरी एवं कार्यशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय महर ने प्रेस को जारी एक संयुक्त संयुक्त बयान में दी है।

टिहरी जनपद के साहसिक पर्यटन अधिकारी खुशाल सिंह नेगी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय महर ने बताया कि उत्तराखंड में जल पर्यटन और राफ्टिंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।

ऋषिकेश क्षेत्र विश्व पटल पर राफ्टिंग हब के रूप में उभरता जा रहा है, लिहाजा उत्तम राफ्ट, सुरक्षात्मक प्रबंधन के साथ नदी के लहरों के बीच जोखिम भरा करिश्माई संचालन जैसी खूबियों में दक्षता व निपुणता हासिल करने के मकसद से,इस क्षेत्र में काम करने वाले प्रबंधक, संचालक, तकनीकी ज्ञान, कौशल, पर्यटन संवाद में विश्व स्तरीय मापदंडों के अनुसार उन्हें तैयार करना है।

इस कार्य क्षेत्र में निपुणता हासिल कर,जहां पर्यटन व्यवसाय से राज्य की आर्थिकी बढ़ेगी वहीं रोजगार एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में आशातीत वृद्धि होगी। उक्त संबंध में डॉक्टर संजय महर ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य भी यही है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए डॉ महर ने बताया कि 13 फरवरी को उद्घाटन सत्र के अवसर पर प्रोफेसर एस सी बागड़ी पूर्व कुलपति हिमगिरी जी विश्वविद्यालय देहरादून, विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता, प्रशिक्षण संरक्षक के रूप में प्रोफेसर आर के उभान प्राचार्य धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर होंगे।

जबकि समन्वयक के रूप में जिला पर्यटन अधिकारी टिहरी एवं जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी टिहरी तथा सह- समन्वयक के रूप में डॉ विजय प्रकाश भट्ट पर्यटन विभाग राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर भी उपस्थित रहेंगे।
इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यशाला में नामचीन राफ्टिंग व्यवसायी ,नव व्यवसायी ,स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम को भव्य बनाने में योगदान देंगे।

कौशल विकास को लेकर आयोजित होने वाली इस 12 दिवसीय कार्यशाला के प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा०संजय महर ने बताया कि उत्तराखंड राज्य की पहली व सबसे बड़ी इस इवेंट में प्रदेश एवं देश के लगभग 900 प्रतिभागियों के प्रशिक्षण लेने की संभावना है।
डॉ०महर ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को राष्ट्रीय एवं विश्व स्तरीय विशेषज्ञों की सहायता से पर्यटन एवं राफ्टिंग व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा।

बताया कि प्रशिक्षुओं को प्रबंधन, नियोजन,निवेश, पर्यावरण, संस्कृति एवं इतिहास, साहसिक पर्यटन में सुरक्षा एवं बचाव, संचार कौशल, पब्लिक स्पीकिंग,नेतृत्व क्षमता एवं तकनीकी ज्ञान आदि पहलुओं पर विस्तार से प्रशिक्षित किया जाएगा।
डॉ०महर ने कहा कि पर्यटन और राफ्टिंग के क्षेत्र में उत्तराखंड नए आयाम स्थापित करेगा।
सूत्रों की मानें तो इस महत्वपूर्ण और पहली बार आयोजित इस तरह की कार्यशाला में शिरकत करने को सभी स्टेकहोल्डर्स को 13 फरवरी का बेसब्री से इंतजार है।

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