मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन ने की लंबित मांगों को हल करने की मांग

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  • समस्याओं का समाधान ना होने पर महानिदेशक के घेराव की दी चेतावनी

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।
उत्तराखंड मेडिकल लैब टैक्नीशियन एसोसिएशन की प्रांतीय बैठक में लिए निर्णय के मुताबिक संगठन ने सरकार व शासन से मांग की है कि बरसों से लंबित पड़ी लैब टेक्नीशियनों की समस्याओं का जल्द निराकरण किया जाए।
समस्याओं के निराकरण न होने की स्थिति में संगठन ने प्रदेश व्यापी आंदोलन की धमकी देते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक के घेराव की चेतावनी दे डाली है।

प्रदेश संगठन की उक्त बैठक में शिरकत करने के बाद देहरादून से नरेंद्रनगर लौटे संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता सुभाष भट्ट ने बताया कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश रावत की अध्यक्षता तथा महामंत्री प्रशांत कनवासी के संचालन में चली प्रांतीय बैठक में कर्मचारियों की लंबित पड़ी समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग सरकार व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से की गई है।

प्रांतीय प्रवक्ता सुभाष भट्ट ने बताया कि लंबे समय से वाहन भत्ता, वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता, आहार भत्ता, नसबंदी शिविर मानदेय के अलावा कर्मचारियों का स्थाईकरण का मसला लंबे समय से लंबित पड़े हैं। जिनका निराकरण समय रहते किया जाना चाहिए था। प्रांतीय प्रवक्ता भट्ट ने बताया कि उक्त समस्याओं के अलावा कैडर पुनर्गठन बहुत बड़ा मुद्दा है, जिसके समाधान के साथ उक्त सभी समस्याओं का जल्द निराकरण हेतु कोर कमेटी का गठन किया गया है, जो मांगों के निराकरण के संबंध में कार्रवाई को गति देगा।

संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता भट्ट ने बताया कि प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बात को लेकर बड़ा आक्रोश व्यक्त किया गया, कि विभागीय आला अधिकारी सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर, कर्मचारियों को सेवा में मिलने वाले लाभ से भी वंचित किया जा रहा है। जो कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं है।

प्रदेश कार्यकारिणी ने इस बात पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है कि विभाग में कार्यरत तीन महिला कर्मचारी, जो स्टेट रेफरेंस लैब में, लैब टेक्नीशियन के पदों पर 15 वर्ष की सेवा अवधि काफी पहले पूर्ण कर चुकी हैं,मगर उन्हें 10,20 एवं 30 सालों की सेवा अवधि पूर्ण करने पर MACP का मिलने वाला लाभ अभी तक भी अनुमन्य नहीं किया गया है। जिसे संगठन उत्पीड़न की कार्यवाही मानता है।

संगठन ने स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड के महानिदेशक को समस्याओं का ज्ञापन पत्र प्रेषित करते हुए, मांग की है कि उक्त सभी मांगों का एक माह के भीतर निराकरण की कार्रवाई की जाए, अन्यथा की स्थिति में प्रदेश संगठन स्वास्थ्य महानिदेशक का घेराव व प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग की होगी।

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