आत्मविश्वास से लवरेज एवं जोखिम उठाने की क्षमता ही उद्यमिता की अवधारणा है: प्रो0 उभान

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कौशल युक्त उद्यमिता समाज व देश की दशा व दिशा बदल देती है-डॉ०संजय महर

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।

देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत, यहां स्थित धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय में उद्यमिता विकास पर 12 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी।

कार्यशाला का मुख्य मकसद युवाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित कर, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नये भारत का निर्माण करना है।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० राजेश कुमार उभान जो कि उद्यमिता (स्टार्टअप) कार्यक्रम को धरातल पर उतारने के मकसद से संरक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए निरंतर गंभीर व प्रयासरत हैं,ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं तथा अन्य उपस्थित युवक-युवतियों को अपने मार्मिक संबोधन से प्रेरित करते हुए कहा कि उद्यमिता के क्षेत्र में छोटे-छोटे प्रयासों से आगे बढ़ने की उम्मीदें तभी बरकरार रहती हैं, जब व्यक्ति में जुनून,जोखिम लेने की क्षमता, ऊंचा आत्मविश्वास, समन्वय की भावना,दूरदर्शी नेतृत्व, त्वरित निर्णय लेने, उचित प्रबंधन व बेहतरीन प्रशासनिक क्षमता जैसे गुण विद्यमान हों।

कहा कि उद्यमिता युक्त शिक्षा रोजगार के अवसर प्रदान करती है। बशर्ते कि इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति में उपरोक्त सभी गुण मौजूद हों। ऐसे गुणों से भरपूर व्यक्ति ना सिर्फ स्वयं के पैरों पर खड़ा होता है, बल्कि औरों को भी रोजगार देने में सक्षम होता है।
प्राचार्य व कार्यक्रम के संरक्षक प्रो० उभान ने कहा कि आत्मविश्वास से लवरेज,जोखिम उठाने की क्षमता ही उद्यमिता की अवधारणा है।
महाविद्यालय में सेवारत असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योति शैली ने उत्तराखंड में स्वरोजगार के अवसर एवं आर्थिक संपन्नता पर मार्मिक व्याख्यान दिया।
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप में तकनीकी समावेश, हरित पर्यावरण परिकल्पना के साथ ही सामाजिक मापदंडों का समावेश आवश्यक है। डिजिटल पेमेंट से स्टार्टअप उद्यमिता को बढ़ावा मिला है।

बताया कि जोमैटो, स्विग्गी, रैपीडो, बला बला, जैसे स्टार्टअप ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझते हुए प्रगति कर रहे हैं।
प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी डॉ० संजय महर ने कहा कि रूरल मार्ट के प्रसार एवं विस्तार से युवा उद्यमियों को तराशा जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि होमस्टे योजना हथकरघा, हस्त शिल्प योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, स्टार्टअप नीति के अंतर्गत वित्तीय सहायता एवं उद्यमिता कौशल से युवाओं को जोड़ा जाना आवश्यक है।

डॉ संजय महर ने कहा कि नवाचार आधारित,रोजगार सृजन, सामुदायिक विकास, अनुसंधान युक्त उद्यमिता कौशल समाज के उत्थान के साथ देश की दशा और दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम हैं।

गुजरात से आए हुए मास्टर ट्रेनर मेहुल समधिया ने गुजरात में उद्यमिता के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों से छात्र-छात्राओं को अवगत किया।
उन्होंने स्टार्टअप के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि व्यवसाय में लाभ हेतु नेटवर्किंग होना आवश्यक है।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र पुंडीर ने छात्र-छात्राओं को उद्यमिता शिक्षा के प्रति रुचि लेने हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर डॉक्टर राजपाल, मेंहुल समधिया, मनीष, अजय, शिशुपाल,डॉक्टर विक्रम बर्त्वाल, मानसी,अनिल पुंडीर, तुषार व अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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