महारानी राज्य लक्ष्मी शाह की अगुवाई में सुहागिन महिलाओं ने पिरोया तिलों का तेल, भगवान बद्रीनाथ धाम को रवाना तेल कलश यात्रा

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  • 12 मई को प्रात: 6:00 बजे  खुलेंगे भगवान बद्रीनाथ के कपाट
  • भव्य शोभा यात्रा के साथ तेल कलश बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना
  • 6 माह तक प्रयुक्त होने वाला शुद्ध तिलों का तेल मंत्रोच्चार के साथ (गाडू घड़ी) तेल कलश में परिपूरित किया गया

वाचस्पति रयाल@नरेन्द्रनगर।

धरती पर बैकुंठ धाम कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध चार धामों में एक भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए  राजमहल में टिहरी की सांसद  महारानी राज्य लक्ष्मी शाह व उनकी पुत्री श्रीजा अरोड़ा की अगुवाई में नगर की 70 से अधिक सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखने के साथ पीले वस्त्र धारण कर गुरूवार को मूसल-ओखली व सिलबट्टे से भगवान बद्री विशाल के अभिषेक के लिए तिलों का तेल पिरोया।

 प्रातः श्री बद्रीनाथ डिमरी (सरूला) धार्मिक केंद्रीय पंचायत चमोली के पदाधिकारी व सदस्य मिष्ठान-भोग के साथ राज दरबार पहुंचे।
राज दरबार में तिलों का तेल पिरोने की पौराणिक परंपरा का अनुपालन करते हुए, राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल ने महारानी राजलक्ष्मी शाह व उनकी पुत्री चिरजा अरोड़ा के हाथों विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना कर तिलों का तेल पिरोने की मंगल शुरुआत की।
इस दौरान राज दरबार फूल- मालाओं से सजाया गया  तथा तेल निकालने के स्थल को चारों ओर से चांदनी लगा कर सुरक्षित और सौंदर्य युक्त बनाया गया था।

  • जड़ी बूटी डालकर शुद्ध किया गया तेल 

महारानी राज्य लक्ष्मी शाह की अगुवाई में व्रत धारण किए नगर की 70 से अधिक सुहागिन महिलाओं द्वारा निकाले गए तिलों के तेल में लेशमात्र भी पानी का अंश ना रहे, इसके लिए, प्रबंधन का कार्य संभाले राजपाल जड़धारी व नितेश चौहान के सहयोग से विशेष शुद्ध वर्तन में जड़ी बूटी डालकर तेल को पकाया गया। भगवान बद्री विशाल की मूर्ति की अभिषेक के लिए 6 माह तक प्रयुक्त होने वाला यह विशुद्ध, तिलों का तेल मंत्रोच्चार के साथ (गाडू घड़ी) तेल कलश में परिपूरित किया गया।

  • डिम्मर समुदाय के सरोला़ ब्राह्मणों द्वारा तैयार किया गया भोग

डिम्मर समुदाय के सरोला़ ब्राह्मणों द्वारा तैयार किया गया भोग को पूजा अर्चना के साथ तेलकलश पर चढ़ाया गया।
इसके बाद बाद महाराजा मनु जयेंद्र शाह, महारानी राज्य लक्ष्मी शाह व पुत्री क्षीरजा अरोड़ा को प्रसाद स्वरूप भोग खिलाकर व्रत तोड़ा गया तथा तेल पिरोने आई सुहागिन महिलाओं व बालाओं को प्रसाद स्वरूप भोग खिलाकर उन सभी का व्रत तोड़ा गया।
तत्पश्चात विधिवत पूजा अर्चना के बाद तेल कलश (गाडू घड़ी) को सुसज्जित रथ पर विराजमान कर राज दरबार से तेल कलश की भव्य शोभा यात्रा वाद्य यंत्रों की गूंजायमान ध्वनि के साथ बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना कर दी गई।

  • कलश शोभा यात्रा का रात्री विश्राम ऋषिकेश स्थित श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के धर्मशाला में होगा

राजमहल से प्रारंभ (गांड़ू घड़ी) कलश शोभा यात्रा का रात्री विश्राम ऋषिकेश स्थित श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के रेलवे रोड स्थित चेला चेतराम धर्मशाला में होगा। गाडू घड़ा कलश शोभा यात्रा के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में जगह-जगह श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ पड़ती है।
लिहाजा श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ 26 अप्रैल को दोपहर तक तेल कलश की यह भव्य शोभा यात्रा ऋषिकेश में दर्शनार्थ रहेगी, तथा इसी तिथि को दोपहर बाद श्री शत्रुघ्न मंदिर के राम झूला मुनी की रेती में रात्रि प्रवास हेतु प्रस्थान करेगी।

27 अप्रैल को दोपहर बाद मुनी की रेती से आगे बढ़ते हुए भव्य तेल कलश शोभा यात्रा शिवपुरी,व्यासी, कौड़ियाला,देव प्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, डिम्मर गांव, पांडू केशर आदि स्थानों से होते हुए 11 मई रात्रि को श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी।
रविवार 12 मई सुबह 6:00 बजे श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट तीर्थ यात्रियों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
इस मौके पर महाराजा मनु जयेंद्र शाह, महारानी राज्यालक्ष्मी शाह व उनकी पुत्री श्रीजा अरोड़ा ने भगवान बद्रीनाथ से विश्व शांति के कामना करते हुए, कहा कि श्रद्धालु भक्त जान सच्चे मन से बड़ी संख्या में भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने को आवें, और सभी की यात्रा सुखद हो फली भूत हो।

इस मौके पर महाराजा महारानी की पोतियां संवि अरोड़ा, अहाना अरोड़ा व राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल के अलावा डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत डिम्मर उमट्टा के सचिव भगवती प्रसाद डिमरी, संजय डिमरी, हर्शपति डिमरी, रोहित डिमरी, अनिल डिमरी, बद्री प्रसाद, सनोद व हरीश डिमरी के अलावा, यहां राजमहल में प्रबंधन में जुटे राजपाल जड़धारी, नितेश चौहान, भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश नौटियाल, मस्ता नेगी, महावीर व वीरेंद्र सेमवाल आदि मौजूद थे।

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